तहलका ब्यूरो
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सपा, कांग्रेस, बसपा और भाजपा के बीच इस बार भीम आर्मी पार्टी पूरे दम- खम के साथ चुनाव मैदान में है। बताते चलें पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भीम आर्मी पार्टी के प्रमुख चन्द्रशेखर की दलित वोटों पर अच्छी –खासी पकड़ है। उत्तर प्रदेश की राजनीति के जानकार व दलित नेता सुभाष सुमन का कहना है कि बसपा और कांग्रेस ने दलितों को वोट बैंक के तौर पर ही इस्तेमाल किया है। कभी भी उनकी गरीबी और समस्या का समाधान नहीं किया है। लेकिन भीम आर्मी पार्टी का मुख्य उद्देश्य तो दलितों को उनका अधिकार दिलाना है। उनका कहना है कि सपा से बड़ी उम्मीदें थी कि सपा और भीम आर्मी पार्टी के बीच चुनावी तालमेल हो जायेगा। लेकिन तालमेल नही हो सका ।जबकि सच्चाई तो ये है कि सपा हो या अन्य पार्टी का भविष्य दलितों के बिना नहीं हो सकता है।चन्द्रशेखर ने साफ कहा कि इस बार मौजूदा सत्ता को उखाड़ने के लिये दलितों को एक होकर भाजपा का विरोध करना होगा।उन्होंने कहा कि भीम आर्मी पार्टी भाजपा छोड़कर गये स्वामी प्रसाद मोर्या और ओम प्रकाश राजभर के खिलाफ अपने प्रत्याशी नहीं उतारेगी। दलित नेता सुभाष सुमान ने तहलका को बताया कि बसपा से दलितों के साथ जनता का मोह भंग हो चुका है।मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश की सियासत का अपना अलग ही मिजाज है। जनता परिवर्तन तो चाह रही है। लेकिन जातीय समीकरणों में उलझों में पड़ी है। इस लिहाज से अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है कि जातीय समीकरण चुनाव आते –आते किस ओर अपना रूख करेगे। वैसे तो भाजपा सहित अन्य राजनीतिक दल दलित वोट बैंक में सेंध लगाने के लिये हर संभव प्रयास कर रही है।फिलहाल भीम आर्मी पार्टी का कहना है कि चन्द्रशेखर दलितों के सम्मान में चुनाव मैदान में है। ताकि दलितों को उनका अधिकार दिलाया जा सकें। जो अभी तक किसी भी राजनीतिक पार्टी ने नहीं दिलाया है।