सभी शानदार व्यंजनों की अगर बात करें, तो ये विविध सामग्री से तैयार होते हैं और नाम सुनते ही जीभ को ललचा देने वाले होते हैं। क्योंकि सभी का स्वाद अगल-अलग होता है, इसलिए सभी भारतीय व्यंजन दुनिया में सबसे लोकप्रिय विकृपों में से एक हैं। यह स्वाद का एक पूरा पैकेज शामिल करता है; मसलन- तीखा, नमकीन, मीठा, खट्टा, मसालेदार, मीठी-तीखा। यूँ तो भारतीय व्यंजनों की लिस्ट बहुत लंबी है, पर सभी मसालों, दालों, चटनी और अनाज का अद्भुत मिश्रण से ही बनते हैं।
भारत के हर क्षेत्र में उस स्थान का अपना एक अनोखा व्यंजन है, जिसका अलग ही आकर्षण है। भारत में उपलब्ध व्यंजनों की असंख्य िकस्में हैं, सभी अपने आप में एक अनोखा स्वाद लिए हुए हैं। यदि देश को उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम में विभाजित करें तो क्षेत्रीय व्यंजनों के व्यापक वर्गीकरण को सरल बनाया जा सकता है।
उत्तर भारतीय व्यंजन अरब और फारस (मुगलई व्यंजन) से काफी प्रभावित हैं। इसमें मक्खन, क्रीम और दही के साथ-साथ केसर और नट्स जैसे कई समृद्ध डेयरी सामग्रियाँ आती हैं। तंदूर और क्ले ओवन में ब्रेड, कबाब और अन्य पदार्थों को पकाना भी एक उत्तरी तकनीक है। पश्चिम में परोसे जाने वाले कई लोकप्रिय भारतीय व्यंजन, जैसे साग पनीर, कोरमा, बिरयानी, सीख खबाब और समोसा भी दरअसल उत्तरी व्यंजन ही हैं। चावल दक्षिण का मुख्य भोजन है, जहाँ इसे डोसा (खस्ता पैनकेक) और नूडल्स में बदल दिया जाता है। साथ ही स्टीम से पकाकर भी खाया जाता है। विशेष व्यंजन, जिसमें सूप स्ट्यूज और ड्राई करी शामिल हैं; में अक्सर मीठे नारियल और खट्टी इमली का इस्तेमाल होता है। आलू करी, पापड़ और इडली (दिलकश डोनट्स) से भरे हुए डोसे जैसे फ्राइड स्ट्रीट स्नैक्स पूरे दक्षिण में लोकप्रिय हैं।
पश्चिम भारत के मुख्य क्षेत्र तटीय गोवा, गुजरात और महाराष्ट्र हैं और प्रत्येक का अपना विशिष्ट भोजन है। गोअन भोजन में पुर्तगाली व्यापारियों का प्रभाव है, जो सबसे पहले दुनिया की नयी सामग्री जैसे मिर्च, आलू और टमाटर भारत लाये थे। पूर्वी भारतीय व्यंजनों में बहुत सारे बीज, खसखस और सरसों का तेल शामिल हैं। हरी सब्जियाँ, जो इस क्षेत्र में बहुतायत से उगती हैं; भी इन व्यंजनों का एक सामान्य घटक हैं। भारत के अन्य क्षेत्रों में भोजन अपेक्षाकृत कम मसाले वाले और खाने में हलके होते हैं। पूर्वी राज्यों में लोग मिठाई के प्रति अपने प्यार के लिए पूरे भारत में जाने जाते हैं।