सन १९८४ में पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके में हुई सिख हिंसा के सिलसिले में सर्वोच्च न्यायालय ने १५ आरोपियों को मंगलवार को बरी कर दिया। निचली अदालत ने इन्हें दोषी ठहराया था।
गौरतलब है कि दायर ८८ दोषियों की अपील पर २२ साल बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर में फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट ने सभी दोषियों की सजा को बकरार रखा था और दोषियों से सरेंडर करने को कहा था। निचली अदालत ने १९९६ में पांच-पांच साल कैद की सजा सुनाई थी। इन अपीलों पर २२ साल बाद हाईकोर्ट का फैसला आया। था इस मामले में ९५ शव बरामद हुए थे लेकिन किसी भी दोषी पर हत्या की धाराओं में आरोप तय नहीं हुए थे।
इससे पहले १९८४ के सिख विरोधी दंगों के मामले में दोषी पाए गए करीब ८० से ज्यादा लोगों की अपील पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। इन लोगन पर दो नवंबर, १९८४ को कर्फ्यू का उल्लंघन कर हिंसा करने का आरोप था। इस हिंसा में त्रिलोकपुरी में करीब ९५ लोगों की मौत हो गई थी और करीब सौ घरों को जला दिया गया था।