असम के तिनसुकिया जिले में बाघजन में ऑयल इंडिया के तेल के कुएं में मंगलवार को लगी भीषण आग ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो हफ्ते से गैस लीक हो रही थी। पर इसमें लापरवाही बरती गई। इतना ही नहीं, बताते हैं कि विदेशी विशेषज्ञों की एक टीम भी अग्निस्थल के पास मौजूद थी। आग इतनी भयावह है कि दस किलोमीटर दूर से ही धुएं का गुबार नजर आ रहा है। मंगलवार से ही दमकलकर्मी व अन्य कर्मचारी आग बुझाने में जुटे हैं। बुधवार को आग बुझाने में जुटे दो दमकल के जांबाजों ने जान गंवा दी।
ऑयल इंडिया से जुड़े सूत्रों का कहना है कि तेल कुएं में लगी आग पर पूरी तरह काबू पाने में 4 हफ्ते का वक्त लग सकता है। कंपनी के प्रवक्ता त्रिदेव हजारिका ने बताया कि आग लगने के बाद लापता हुए दोनों दमकल कर्मी के शव बुधवार सुबह मिले। शवों पर जलने के निशान नहीं हैं, इससे लगता है कि दोनों कुएं में कूदे होंगे और डूबने से उनकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद मौत के कारणों का पता चल सकेगा।
आग की गंभीरता को देखते हुए असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने वायुसेना की मदद मांगी है। कोरोना संक्रमण और लाॅकडाउन के बीच असम में इस आग से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। यहां पर बड़े पैमाने पर तेल की रिफाइनरी का काम होता है। फिलहाल इस बात की पुष्टि न हो सकी है कि अब वायुसेना के जांबाज कब तक इस पर काबू पाने के लिए असम की ओर उड़ान भरने वाले हैं।
आग बुझाने की कोशिश में जुटा ओएनजीसी का एक दमकल कर्मी भी झुलस गया है। आग की लपटों को 10 किलोमीटर दूर से देखा गया। आसपास के डेढ़ किमी के दायरे में रहने वाले 6,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। ऑयल इंडिया ने हर प्रभावित परिवार को 30 हजार रुपये की मदद देने का ऐलान भी किया है।
बाघजन में ऑयल इंडिया के तेल कुएं में 27 मई को गैस रिसना शुरू हुआ था। तभी से वहां नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स (एनडीआरएफ) तैनात है। राज्य के अधिकारी भी हालात पर नजर रख रहे हैं।