सरकार की पूर्ण अवधि से नौ महीने पहलेhe तेलंगाना विधानसभा भंग कर दी गयी है। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने गुरूवार सुबह ६.४५ पर मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई जिसमें राज्य विधानसभा को समयपूर्व भंग कराने का फैसला किया गया। बैठक के बाद मुख्यमंत्री केसीआर ने राज्यपाल इएसएल नरसिम्हन से मुलाकात की और उन्हें विधानसभा भंग करने के मंत्रिमंडल के फैसले का प्रस्ताव सौंपा। राज्यपाल ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है लिहाजा तेलंगाना विधानसभा भांग कर दी गयी है।
गौरतलब है कि विधानसभा की अवधि पूर्ण होने में अभी नौ महीने का समय था। विधानसभा भांग करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के साथ ही राज्यपाल ने मुख्यमंत्री केसीआर को कामचलाऊ मुख्यमंत्री के रूप में काम करने को कहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्यमंत्री केसीआर के पार्टी कार्यालय तेलंगाना भवन में प्रेस कांफ्रेंस को जाते बक्त रास्ते में सीएम को कुछ प्रदर्शनकारियों के विरोध का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री कार्यालय के सामने धरना दे रहे हैं। प्रदर्शनकारी नौकरियों में नियमित किए जाने की मांग कर रहे हैं।
इस तरह यह पूरी सम्भावना बन गयी है कि तेलंगाना में कुछ और राज्यों जिनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ शामिल हैं, के साथ विधानसभा के चुनाव करवाए जा सकते हैं।
दो-तीन दिन से यह कयास राजनीतिक हलकों में लगाए जा रहे थे कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री विधानसभा भांग करने की सिफारिश कर सकते हैं। बुधवार को जब केबिनेट की बैठक गुरुवार सुबह बुलाने की बात पोख्ता हुई तो तभी यह साफ़ हो गया था कि इसमें विधानसभा भंग करने का फैसला किया जा सकता है और इसकी सिफारिश गुरूवार को ही राज्यपाल से की जा सकती है।