पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से सपा (महागठबंधन) के उम्मीदवार तेज बहादुर यादव ने अपना नामांकन रद्द होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है। उनकी याचिका को स्वीकार करते हुए सर्वोच्च अदालत इस मसले पर सुनवाई को तैयार हो गया है। इसपर कल (गुरूवार) को सुनवाई होगी। साथ ही अदालत ने इस मसले पर चुनाव आयोग से अपना रुख बताने को कहा है।
सर्वोच्च अदालत ने चुनाव आयोग से कहा है कि तेजबहादुर की शिकायत के समुचित बिंदुओं पर गौर करके गुरूवार को जवाब दायर करें। सपा ने पहले घोषित की उम्मीदवार को बदलकर तेज बहादुर यादव को वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ अपना (गठबंधन) उम्मीदवार घोषित किया था। हालाँकि, जांच के दौरान दी जानकारी के आधार पर पहली मई को रिटर्निंग अफसर ने उनका नामांकन रद्द कर दिया था।
तेज बहादुर यादव ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके वाराणसी से उनका नामांकन खारिज करने के फैसले को चुनौती दी थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत सुनिश्चित करने की मंशा से उनका (यादव) नामांकन रद्द किया गया। गौरतलब है कि बीएसएफ जवान यादव ने जवानों को खराब खाना दिए जाने संबंधी एक वीडियो इंटरनेट पर डाला था जिसके बाद उन्हें २०१७ में बर्खास्त कर दिया गया था।
उनके नामांकन पत्र पर निर्वाचन अधिकारी ने कहा था कि यादव प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में विफल रहे, क्योंकि जनप्रतिनिधि (आरपी) अधिनियम के तहत उन्हें इस आशय का प्रमाण पत्र देना आवश्यक था कि उन्हें ”भ्रष्टाचार या राज्य के प्रति निष्ठाहीनता के लिए बर्खास्त” नहीं किया गया है। तेज बहादुर यादव ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर याचिका में कहा है कि निर्वाचन अधिकारी के निर्णय को खारिज किया जाए और शीर्ष अदालत याचिकाकर्ता को हाई प्रोफाइल वाराणसी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने की अनुमति दे, जहां १९ मई को मतदान होना है।