तुर्की में भूकंप के बाद अब धीरे-धीरे वहां हुई तबाही की तस्वीर साफ़ हो रही है। अब 4,300 लोगों के मरने की पुष्टि सरकारी स्तर पर की गयी है, हालांकि, जानकारों के मुताबिक वहां संख्या कहीं अधिक हो सकती है। इस बीच वहां भूकंप के झटकों का सिलसिला जारी है और आज भी वहां 5.9 का भूकंप आया है। भूकंप से हज़ारों इमारतें जमींदोज हो गयी हैं और बड़े पैमाने पर सरकारी और निजी संपत्ति का नुक्सान हुआ है। इस बीच भारत ने तुर्की की तरफ मदद का हाथ बढ़ाते हुए वायु सेना के विमान के जरिए भूकंप राहत सामग्री की पहली खेप तुर्किये रवाना की है।
इसे हाल के दशकों का सबसे शक्तिशाली भूकंप बताया गया है। स्थिति भयावह बनी हुई है और हजारों लोगों के घर तबाह होने से लोग बेघर हो गए हैं। दक्षिण-पूर्वी तुर्की के बड़े शहरों में से एक सनलिउर्फ़ भूकंप से काफी प्रभावित हुआ है। इस शक्तिशाली भूकंप ने ज्यादातर कुर्द क्षेत्र और पड़ोसी सीरिया में कम से कम 4,300 लोगों की जान चली गयी है।
तुर्की में मंगलवार को फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.9 मापी गई है। भूकंप की वजह से हजारों इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा है। कई इमारतें तो पूरी तरह मलबे के ढेर में तब्दील हो गई हैं। हालांकि अभी भी हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि बचावकर्मी अब भी प्रभावित इलाकों में मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं।
इस बीच भारत ने तुर्की की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है। पीएमओ की ओर से की गई घोषणा के कुछ घंटे बाद ही भारतीय वायु सेना के विमान के जरिए भारत ने भूकंप राहत सामग्री की पहली खेप तुर्किये रवाना कर दी। एक बयान में कहा गया है कि राहत सामग्री के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और चिकित्सा दलों को तुर्किये गणराज्य की सरकार के समन्वय से तुर्की भेजा जाएगा।
सोमवार को सबसे पहले 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था उसके बाद फिर भूकंप के दो और तेज झटके आए, जिनकी तीव्रता क्रमशः 7.6 और 6.0 थी। आज फिर आए भूकंप के झटकों ने लोगों को बुरी तरह डरा दिया है।
इस भूकंप में 11,000 से अधिक लोग घायल हो हुए हैं जिनमें से कई की हालत गंभीर है। अज्ञात संख्या में लोग मलबे के नीचे दबे हुए हैं जिन्हें बचाने की कोशिश जारी है। फिलहाल बचाव दल सनलिउर्फ़ के मुख्य मार्गों पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। तुर्की और सीरिया में आए भीषण भूकंप में अब तक चार हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। भारत समेत कई देशों ने भूकंप प्रभावित देशों की मदद के लिए हाथ मिलाया है।