तुर्की-सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या 24 हज़ार के पार निकल गयी है। लाखों लोग बेघर और घायल हैं और मरने वालों की संख्या और ज्यादा होने की आशंका है। तुर्की की सरकार ने स्वीकार किया है कि भूकंप के बाद डिश के अधिकारी उतनी मुस्तैदी से काम जितनी ज़रुरत थी।
भूकंप से मरने वालों की संख्या 24,000 से पार जाने के बाद राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने कहा कि अधिकारियों को भूकंप आने के बाद तेजी से काम करना चाहिए था। एर्दोगन ने तुर्की के आदियामान प्रांत का दौरा भी किया और स्वीकार किया कि सरकार की प्रतिक्रिया उतनी तेज नहीं थी, जितनी हो सकती थी।
एर्दोगन ने कहा – ‘हमारे पास अभी दुनिया में सबसे बड़ी राहत और बचाव टीम है। लेकिन यह भी सच है कि राहत और बचाव कार्य उतने तेज नहीं हैं, जितने हम चाहते थे।’ बता दें तुर्की में इसी साल मई में चुनाव होने वाले हैं और एर्दोगन फिर से चुनाव मैदान में उतरे हैं। उनके विरोधी भूकंप के बाद राहत और बचाव कार्य में ढिलाई को लेकर उन पर लगातार हमले कर रहे हैं। वैसे चुनाव वर्तमान हालात में स्थगित भी हो सकते हैं।
कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया है कि भूकंप के कारण लाखों लोग बेघर हो गए हैं और वहां अनाज और खाने की गंभीर कमी है। दर्जनों देशों की टीमों सहित बचावकर्मियों ने मलबे में दबे लोगों को खोजने के लिए रात-दिन कड़ी मेहनत कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने चेतावनी दी है कि पूरे तुर्की और सीरिया में कम से कम 8,70,000 लोगों को तत्काल गर्म भोजन की आवश्यकता है। अकेले सीरिया में 5.3 मिलियन लोगों बेघर हो सकते हैं।