लगता है लगभग 5 दशकों के बाद शिवसेना के सर्वेसर्वा ठाकरे फैमिली अब ‘रिमोट कंट्रोल’ के साथ साथ संवैधानिक पद का इस्तेमाल कर शासन करना चाहती है महाराष्ट्र में। सूत्रों की माने तो ठाकरे परिवार की तीसरी पीढ़ी अब ‘मातोश्री’ (ठाकरे परिवार का निवास स्थान) के साथ-साथ मंत्रालय में बैठकर संवैधानिक पद (डिप्यूटी चीफ़ मिनिस्टर/चीफ मिनिस्टर) हासिल कर संवैधानिक तौर पर शासन करने की मंशा रखती है।
महाराष्ट्र में अक्टूबर में होने जा रहे हैं असेंबली इलेक्शन में बतौर शिवसेना कैंडिडेट उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। आदित्य फिलहाल शिवसेना की युवा सेना के चीफ हैं। शिवसेना की भीतरी सूत्रों की माने तो इस लोकसभा इलेक्शन में महाराष्ट्र में शिवसेना- बीजेपी एलायंस के जबरदस्त प्रदर्शन को देखते हुए 28 साल के आदित्य एसेंबली इलेक्शन के जरिए अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने की मंशा जाहिर की है और इसे शिवसेना का पूरा पूरा समर्थन मिला है । ठाकरे परिवार भी चाहता है कि अब वह सत्ता में राज्य के संवैधानिक तौर पर शासन करें चीफ मिनिस्टर/डिप्टी चीफ मिनिस्टर के तौर पर।
शिवसेना चाहती तो है आदित्य चुनाव लड़े लेकिन उनके लिए ‘सेफ सीट’ की खोज जारी है ताकि आदित्य सब पोलिटिक्स में इलेक्शन के जरिए कदम रखें तो उनका पहला कदम सफल हो इसके लिए मुंबई के वर्ली और शिरडी जैसे विधानसभा क्षेत्र को चिन्हित किया जा रहा है जहां पर शिवसेना को अपनी जीत की पूरी तरह उम्मीद है। आदित्य के इस ख़्याल से जहां शिवसेना के खेमे में खुशी की लहर है वहीं पर अलायंस बीजेपी के खेमे में खलबली मची हुई है ।बीजेपी कभी नहीं चाहेगी कि असेंबली इलेक्शन के बाद नतीजे इस तरह से आए कि उन्हें चीफ मिनिस्टर का पद शिवसेना को देना पड़ शिव सेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने हमेशा ही सत्ता को रिमोट कंट्रोल के चलाने पर रिमोट कंट्रोल के जरिए चलाने पर ही विश्वास रखते थे। सत्ता जिसकी भी रही हो महाराष्ट्र में ठाकरे के वजूद को कोई अनदेखा नहीं कर पाया। अपने अच्छे दिनों में बाल ठाकरे ने शिवसेना( बीजेपी-शिवसेना कार्यकाल) के दो नेताओं को चीफ मिनिस्टर बनाया पहले थे मनोहर जोशी और दूसरे नारायण राणे। शिवसेना के एक बार फिर अच्छे दिन आ गए हैं और ठाकरे की तीसरी पीढ़ी चाहती है कि अबकी बार खुद ही बने सरकार ।