केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को अपनी बैठक में बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक के विलय को मंजूरी दे दी है। इस विलय से देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक अस्तित्व में आएगा।
मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। विलय के फलस्वरूप बनने वाला बैंक ऑफ बड़ौदा एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा।प्रसाद ने कहा कि बैंकिंग सेक्टर में सुधार के तहत यह कदम उठाया गया है।
प्रसाद ने कहा – ”देना बैंक और विजया बैंक के सारे कर्मजारी अब बैंक ऑफ बड़ौदा में आ जाएंगे। किसी की सर्विस में कोई बदलाव नहीं आएगा।”
विलय का असर इन बैंकों के बैलेंस शीट पर तो पड़ेगा ही, ग्राहकों पर भी कुछ प्रभाव होंगे। जिनका अकाउंट इन तीन बैंकों में से किसी में है तो उन्हें कुछ बदलावों का सामना करना पड़ सकता है।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने विजया बैंक और देना बैंक का खुद के साथ विलय के लिए शेयरों की अदला-बदली अनुपात को अंतिम रूप दे दिया है। विलय की योजना के मुताबिक, विजया बैंक के शेयरधारकों को प्रत्येक १,००० शेयरों के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के ४०२ इक्विटी शेयर मिलेंगे। देना बैंक के शेयरधारकों को प्रत्येक १,००० शेयर के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के ११० शेयर मिलेंगे। सरकार ने पिछले साल सितंबर में विजय बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ विलय की घोषणा की थी।
वैसे बैंक कर्मचारी संगठनों ने इस विलय का विरोध किया है। उन्होंने इसके विरोध में पिछले साल २६ दिसंबर को हड़ताल भी की थी। अब इन बैंकों के अकॉउंट होल्डर्स को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी मिल सकता है। इसके अलावा उन्हें अन्य परिवर्तनों से भी गुजरना पड़ सकता है जिनकी जानकारी उन्हें सम्बंधित बैंक से मिल सकती है।