एक बड़े कदम में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने तीन नामी बैंकों को बंद कर उनकी जगह एक नया बैंक खोलने की घोषणा की है। सरकार ने देश के जिन तीन बड़े बैंकों का विलय करने का फैसला किया है वे विजय बैंक, देना बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इनका विलय कर नया बैंक बनाने के फैसले हो हरी झंडी दे दी गयी है। इन तीन बैंको का विलय करने के बाद से नया बैंक देश के तीसरे सबसे बड़े बैंक के रूप में स्थापित किया जाएगा। वित्तीय सेवा के सचिव राजीव कुमार ने सोमवार इस बाबत जानकारी दी। राजीव के मुताबिक ”बैंकिंग सेक्टर में सुधार के प्रभावी कदम उठाए जाएंगे”।
इस मामले में उन्होंने कहा कि 2.8 लाख शेल कंपनियों पर ताले लगाए जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि बैंकिंग सेक्टर में मूलभूत सुधार किए जाएंगे। इन तीन बैंको का विलय किए जाने पर की जा रही चर्चा के दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि 2008 से पहले 18 लाख करोड़ का क़र्ज़ था। 2008 से 2014 के बाद ये 55 लाख करोड़ पहुंच गया। 2008 से 2014 के बीच अधिक लोन ने अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया।
उन्होंने कहा कि ”यूपीए सरकार ने एनपीए को छिपाने की कोशिश की। एनपीए 8.5 लाख करोड़ का था लेकिन 2.5 लाख करोड़ के बारे में सूचना दी गई”।