महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में 2 जुलाई की रात को तिवरे बांध टूटने को लेकर महाराष्ट्र के एक मंत्री ने एक चौंकाने वाला जबरदस्त खुलासा किया है। महाराष्ट्र के नवनिर्वाचित जल संरक्षण मंत्री तानाजी सावंत के अनुसार अधिकारियों और स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया है कि बड़ी संख्या में केकड़ों ने बांध की दीवार को कमजोर कर दिया था। सामंत ने पत्रकारों को बताया कि तिवरे बांध में दरार पड़ने की घटना प्राकृतिक आपदा है और दीवारों को केकड़ों ने कमजोर कर दिया था। और जैसे ही इस बारे में सरकार को सूचना मिली सरकार ने यथोचित उपाय किए।
सावंत ने कहा मुख्यमंत्री फडणवीस द्वारा गठित एसआईटी की इस दुर्घटना की जांच करेगी और दुर्घटना की वजह सामने आ जाएगी। उन्होंने इस दुर्घटना को एक प्राकृतिक आपदा मानते हुए कहा कि हम उनकी किस्मत तो नहीं बदल सकते।
सावंत के इस खोज परख खुलासे के बाद विरोधी दल ने उन्हें आड़े हाथों लिया। एनसीपी के नेता जीतेंद्र आव्हाड केकड़ों को लेकर पुलिस थाने पहुंच गए और उन्होंने पुलिस से केकड़ों खिलाफ मामला दर्ज कराने की मांग की।
नेता प्रतिपक्ष वाडेट्टीवार ने गिरीश महाजन से इस्तीफा मांगा। कहा राज्य सरकार के खिलाफ 302 के अंतर्गत आपराधिक मामला दर्ज किया जाय।वडेट्टीवार ने चिपलूण के शिवसेना विधायक सदानंद चव्हाण पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि तीवरे बांध के कांट्रेक्टर चव्हाण थे इसलिए इस दुर्घटना का जिम्मेदार उन्हें मानते हुए चव्हाण खिलाफ केस दर्ज किया जाए। वडेट्टीवार ने राज्य के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन से मांग की कि वह इस दुर्घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे।
वाडेट्टीवार ने सभी बांधों की स्ट्रक्चरल ऑडिट करने की मांग की है। उन्होंने बांध के टूटने से लोगों की मौत का जिम्मेदार सरकार को ठहराया है उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ 302 के अंतर्गत मामला दर्ज किया जाना चाहिए। वाडेट्टीवार ने कहां की शिवसेना के विधायक सदानंद चव्हाण कि कंपनी ने बांध का निर्माण कार्य किया था इसलिए उनकी कंपनी के खिलाफ भी आपराधिक मामला दायर किया जाना चाहिए।
2 July मंगलवार की रात 9:30 बजे के करीब कोकण के रत्नागिरी जिले में मूसलाधार बारिश के चलते तिवरे बांध टूट गया था जिसके चलते आसपास के 7 गांव पानी में डूब गए और नजदीकी गांव के दर्जनों मकान बह गए। इस घटना में तकरीबन दो दर्जन लोग पानी में डूब गए जिनकी तलाश जारी है इनमें से 11 लोगों के शव बरामद हुए।
सन 2000 में बने तिवरे बांध का पानी का पानी 2 साल से रिस रहा था। स्थानीय निवासियों ने बांध में पड़े दरार के बारे में भी संबंधित महकमे से शिकायत की थी लेकिन समूचित कदम नहीं उठाया गया। जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन खुद इस बात को मान चुके हैं कि इस बाबत शिकायत की गई थी।
हालांकि इस दफा महाजन भजन इस बात को स्वीकार कर चुके हो बाद में दरार के बाबत शिकायत की जा चुकी सी लेकिन सावंत ने ठीकरा सरकार की लापरवाही के बदले केंकड़ो के सिर फोड़ दिया। इसके पहले ऐसा ही बड़ा खुलासा महाजन कर चुके हैं पुणे की मैहर की दीवार गिरने के मामले में। उस वक्त उन्होंने चूहों को जिम्मेदार ठहराया था।