देश में कोरोना संक्रमण के मामले 10 लाख पार हो चुके हैं और अब जांच भी एक दिन में करीब तीन लाख की जा रही हैं। इस बीच, देश के सबसे अमीर मंदिरों में शुमार आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में कोरोना संक्रमण कहर बनकर टूटा है। मंदिर से जुड़े ट्रस्ट के 140 से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 14 पुजारी भी शामिल हैं। केस बढ़ने के बाद अब मंदिर में कुछ दिन के लिए दर्शन बंद करने के लिए कर्मचारी संगठन और राजनीतिक दल दबाव बना रहे हैं। हालांकि, ट्रस्ट फिलहाल ऐसा करने के लिए तैयार नहीं है।
देश में जून के पहले हफ्ते के बाद अनलॉक-1 के तहत मंदिर खोला गया था। 11 जून से यह आम लोगों के लिए खोल दिया गया था। पहले महज 6 हजार श्रद्धालुओं को ही प्रतिदिन दर्शन करने की अनुमति थी, लेकिन बाद इसकी संख्या बढ़ाकर 15 हजार कर दी गई। अब भी प्रतिदिन 8 से 9 हजार श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं। आंध्र के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने भी राज्य सरकार से मांग की है कि स्थिति को बिगड़ने से पहले जरूरी कदम तत्काल उठाए जाएं।
कोरोना संक्रमण के हालात पर ट्रस्ट के अध्यक्ष वाईवी सुब्बारेड्डी का कहना है कि मंदिर में स्थिति अभी नियंत्रण में है, इसलिए मंदिर फिर से बंद करने का कोई मतलब नहीं है। जो कर्मचारी संक्रमित मिले हैं, उनको क्वारंटाइन किया जगया है।
मंदिर में पुख्ता इंतजाम पर उठे सवाल
जब मंदिर को खोला गया तो दावा किया गया था कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। फिर अब एकसाथ इतने सारे कर्मचारियों के पॉजिटिव पाए जाने के बाद ट्रस्ट के प्रबंधन पर सवाल उठने लगे हैं। तिरुपति बालाजी मंदिर में मंदिर में प्रवेश करते समय फव्वारों के जरिये लगातार सैनिटाइजेशन किया जाता है। तिरुपति बालाजी देश का इकलौता मंदिर है जहां कोरोना से बचने के लिए ट्राय ओजोन स्प्रे सिस्टम लगाया गया है। इसमें मंदिर में आने वाले लोगों पर पूरे समय डिसइंफेक्टेंट का छिड़काव होता रहता है। इसके बावजूद मंदिर में कोरोना पॉजिटिव केस की संख्या लगातार बढ़ रही है।