रूस में अफगानिस्तान मुद्दे पर होने वाली बैठक में हिस्सा लेते हुए आज भारत पहली बार तालिबान के साथ बातचीत के मेज पर होगा। इस क़दम पर मोदी सरकार की सियासी हलकों में काफी आलोचना हो रही है.
भारत ने कहा है कि वह अफगानिस्तान में सभी प्रकार की शांति प्रक्रियाओं का समर्थन करता है और रूस की ओर से मॉस्को में आयोजित की जाने वाली बैठक में वह गैर-आधिकारिक तौर पर हिस्सा लेगा।
इस बैठक में 12 देशों के अलावा तालिबान को भी आमंत्रित किया गया है। भारत के अलावा ईरान, चीन, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के प्रतिनिधि बैठक में हिस्सा लेने वाले हैं।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा है कि अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए जो भी कदम उठाए जा रहे हैं वो विदेश नीतियों के तहत हैं और भारत शांति की प्रक्रिया में शामिल होता रहेगा।
कुछ दिन पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन भारत दौरे पर आए थे जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कई वैश्विक मुद्दों पर बातचीत की थी।