विश्व तम्बाकू विरोधी दिवस के अवसर पर देश व्यापी तम्बाकू विरोधी कार्यक्रम का आयोजन किया गया । जिसमें देश के जाने-माने डाक्टरों ने भाग लिया। डाक्टरों का कहना है कि कोरोनाकाल चल रहा है। जरा सी लापरवाही घातक साबित हो सकती है। एम्स के कैंसर रोग विशेषज्ञ डाँ राहुल का कहना है कि तम्बाकू के सेवन से कैंसर होता है। मुंह का कैंसर तम्बाकू के सेवन से होता है और फेफड़ों का कैंसर धूम्रपान करने से होता है।
मैक्स अस्पताल के कैथलैब के डायरेक्टर डाँ विवेका कुमार का कहना है कि तम्बाकू के सेवन से हार्ट रोग को बढ़ावा मिलता है। तम्बाकू खोने और धूम्रपान करने वालों को हार्ट अटैक का खतरा भी अधिक रहता है। क्योंकि हार्ट की धड़कन भी अनियमित होती है। बैचेनी के बढ़ने से घबराहट होती है। कालरा अस्पताल के हार्ट रोग विशेषज्ञ डाँ आर एन कालरा का कहना है कि इस समय कोरोना का कहर ज्यादा है। जो लोग तम्बाकू और सिगरेट,बीड़ी का सेवन अधिक करते है। उनको कोरोना के समय में जान का खतरा अधिक रहता है।
क्योंकि जो लोग सिगरेट और तम्बाकू का सेवन अधिक करते है, उनके फेफड़ों में 30 से 40 प्रतिशत तामाम तरह की दिक्कतें होती है। ऐसे में कोरोना काल में सिगरेट का सेवन जानलेवा साबित हो सकता है क्योकि कोरोना अपनेआप में ही फेफड़ों की बिमारी है।
राजीव गांधी अस्पताल के डाँ अनुज कुमार का कहना है कि तम्बाकू के सेवन करने वालों को कैंसर की ही बीमारी ही नहीं होती है। बल्कि मानसिक , अस्थमा, हार्ट और न्यूरों की समस्या होती है। इसलिये तम्बाकू के ना कहें और नशा विरोधी जीवन यापन करें। जिससे कैंसर कैंसर जैसी बीमारी को काबू पाया जा सकें।