दुनिया में सबसे अधिक मौत की वजह तम्बाकू का सेवन है। तम्बाकू का सेवन करना दुनिया की सबसे बडी स्वास्थ्य समस्या है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 21 वीं सदी में तम्बाकू के सेवन से एक करोड मौतें भी हो सकती है। वहीं तम्बाकू के सेवन से कैंसर , हार्ट और तामाम बीमारियों की चपेट में लोग आ रहे है। विश्व तम्बाकू विरोधी दिवस के अवसर पर ये जानकारी देते हुये डाक्टरों ने बताया कि कोरोना वायरस के कहर से एक ओर तो दुनिया जूझ रही है । ऐसे में तम्बाकू का सेवन और खतरनाक हो सकता है।
राजीव गांधी कैंसर संस्थान के सर्जिकल आँनकोलाँजी विभाग के निदेशक डाँ ए के दीवान ने बताया कि जान गंवाने वालों में ऐसे लोग ज्यादा है, जो धूम्रपान करते है। धूम्रपान से दिल , मधुमेह, उच्च रक्तचाप क्रोनिक रेस्पिरेटरी या कैंसर जैसी समस्या बढती है।विश्व स्वास्थ्य संगठन की क्षेत्रीय निदेशक डाँ पूनम खेत्रपाल का कहना है। कि धूम्रपान करने वालों को कोरोना जैसी बीमारी जल्द चपेट में ले सकती है।इस बीमारी की चपेट में आने पर उन्हें सघन चिकित्सा और वेंटिलेटर की जरूरत भी हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हर 6 सैकंड में तम्बाकू के सेवन से एक इंसान की जान जाती है और भारत में ही 10 लाख लोगों की हर साल जानें तम्बाकू के सेवन से ही जाती है।मैक्स अस्पताल के हार्ट रोग विशेषज्ञ डाँ विवेका कुमार ने बताया कि तम्बाकू का सेवन करने वालों में हार्ट रोग के लक्षण ज्यादा पाये जाते है, कई बार तो हार्ट के रोगी तम्बाकू के सेवन करने वाले ही पाये गये है। डाँ विवेका कुमार का कहना है , कि लोगों में ये भ्रम ज्यादा है। कि तम्बाकू और सिगरेट का सेवन करने से मानसिक तनाव दूर होता है । जबकि सच्चाई ये है, कि सिगरेट ही हार्ट ब्लाँकोज का सबसे बडा कारण है। कालरा अस्पताल के डायरेक्टर डाँ आर एन कालरा का कहना है कि इस समय देश- दुनिया में कोरोना का कहर तेजी से पैर पसार रहा है।कोरोना एक संक्रमित बीमारी है ।
ऐसे में लोगों को और भी सतर्कता व सावधानी बरतनी चाहिये। क्योंकि तम्बाकू और सिगरेट का धुंआ संक्रमण का कारण बन सकता है।धूम्रपान के कारण फेफडे कमजोर हो जाते है, जिससे सही मात्रा में आँक्सीजन तक की सप्लाई नहीं हो पाती है।एम्स के डाँ आलोक कुमार का कहना है कि जागरूकता के अभाव में लोगों में तम्बाकू, सिगरेट और तामाम नशीले पदार्थो का सेवन करने वालों की संख्या में दिन व दिन इजाफा हो रहा है। जिसके कारण देश के युवाओं में कैंसर, हार्ट, लीवर, और न्यूरों जैसी बीमारी की गिरफ्त में आ रहे है। फेफडों की बीमारी की जड में तम्बाकू व सिगरेट का सेवन करना आदि शामिल है। आईएमए के अध्यक्ष डाँ गिरीश त्यागी का कहना है कि तामाम सर्वे और शोधों से इस बात की पुष्टि हुई है कि तम्बाकू ही तामाम बीमारियों की जड है। इस लिये स्वस्थ्य सामाज के लिये तम्बाकू का बहिष्कार बहुत जरूरी है। अन्यथा घातक परिणाम सामने आयेगे।कोरोना काल में किसी भी प्रकार का नशा जान लेवा साबित हो सकता है। इसलिये नशा से बचें।