राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही डेंगू के मामले हर रोज बढ़ रहे है। जिससे स्वास्थ्य महकमे हड़कंप मचा हुआ है। लेकिन जागरूकता के अभाव में डेंगू के मामले कम होने का नाम ही नहीं ले रहे है। चिकित्सकों का मानना है कि डेंगू के जो आंकड़े आ रहे है। वो पूरे तरह से सही नहीं इससे भी ज्यादा डेंगू के मामले हो सकते है।क्योंकि 1 मई तक डेंगू के मामलों की संख्या 70 के करीब थी।
इस बारे आई एम ए के पूर्व संयुक्त सचिव डॉ अनिल बंसल का कहना है कि डेंगू का मच्छर साफ पानी में ही पनपता है। जो एडिस मच्छर के काटने से होता है। अगर डेंगू का नजरअंदाज किया गया तो जानलेवा साबित हो सकता है। उन्होंने बताया कि डेंगू से बचाव के लिये अपने घरों के आस पास पानी को जमा न होने दें। जहां पर पानी जमा है। वहां पर घासलेट का तेल (मिट्टी) के तेल का छिड़काव करें। अगर किसी को एस मौसम में बुखार आने के साथ अचानक कमजोरी महसूस हो तो कोरोना के साथ डेंगू की जांच अवश्य करवाये। क्योंकि डेंगू का इलाज समय रहते करवाया जाए तो उसका इलाज आसान व सरल होता है।
दिल्ली नगर निगम के डॉ पी के सिंह का कहना है कि भले ही कोरोना के साथ -साथ अन्य बीमारियों के प्रति जागरूकता अभियान पर बल दिया जा रहा है। लेकिन डेंगू के बढ़ते मामले जरूर हमें चिंता में डालते है।उन्होंने बताया कि गर्मी के मौसम में डेंगू का आना ठीक नहीं है। क्योंकि डेंगू का कहर तो जून के महीने से शुरू होता है। क्योंकि बरसात शुरू होने से जमीन में नमी होने के कारण मच्छर पनपता है।
उन्होंने बताया कि पिछले साल तो डेंगू के मामले जुलाई महीने से आने शुरू हुए थे।लेकिन इस बार जो डेंगू के मामले बढ़ रहे है। उनको समय रहते नहीं रोका गया तो भयावह स्थिति पैदा हो सकती है।इसलिये डेंगू से बचाव के तौर पर पानी को जमा न होने दें। जो घरों में कूलर रखते है वो कूलर के पानी को हर रोज बदलें ।