दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डुसु) के चुनाव की गिनती ईवीएम में खराबी के बाद रोक दी गयी है। इन चुनावों को राजनीति के नजरिये से भी बहुत अहम् माना जा रहा है। अंतिम गिनती के समय कांग्रेस का छात्र संगठन एनएसयूआई दोनों अहम् अध्यक्ष और सचिव पदों पर अपनी प्रतिद्वंदी भाजपा के छात्र संगठन एबीवीपी के प्रत्याशियों से आगे चल रही थी। एबीवीपी ने उपाध्यक्ष और सह सचिव पदों पर बढ़त बनाई हुई थी। गिनती रोकने को लेकर एनएसयूआई ने आरोप लगाया है कि हार सामने देख एबीवीपी धांधली पर उतर आई है। सूचना है कि ईवीएम में खराबी की सूचना के बाद हुई तोड़-फोड़ के बाद आज के लिए गिनती रोक दी गयी है।
ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर डूसू के काउंटिंग सेंटर पर शीशे तोड़े गए हैं जिसके बाद पुलिस फोर्स बढ़ाई गई है। सेक्रेटरी पोस्ट पर एक ईवीएम में 10 नंबर के बटन पर 40 वोट दर्ज दिखाए गए हैं जबकि मशीन में नोटा समेत सिर्फ 9 ही बटन थे जिसके बाद विवाद पैदा हो गया है। ६ ईवीएम में गड़बड़ी पाई गई है। डीयू प्रशासन अब इस मामले पर अगला निर्णय करेगा। फिलहाल वोटों की गिनती रोक दी गई है। सम्भावना है आगे की गिनती के लिए नई तारीख घोषित को सकती है। डीयू के मतदान गणना केन्द्र पर भारी मात्रा में सुरक्षा बल तैनात किये गए हैं ताकि किसी तरह की हिंसा न हो।
डुसु चुनाव के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि चुनाव के नतीजे रोक दिए गए हैं। छह राउंड की गिनती के बाद कांग्रेस का छात्र संगठन एनएसयूआई दोनों अहम् अध्यक्ष और सचिव पदों पर आगे चल रहा था जबकि एबीवीपी की उपाध्यक्ष और सह सचिव पदों पर बढ़त थी। अभी गिनती पूरी नहीं हुई है। अभी यह साफ़ नहीं है कि नतीजे कब घोषित होंगे। आज ही होंगे या कल के लिए टाल दिए जायेंगे।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के लिए बुधवार को ४४.४० प्रतिशत मतदान हुआ था। मतदान के दौरान छात्रों के बीच छुटपुट झड़पों को छोड़कर मतदान पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा था। बुधवार को ५२ केंद्रों पर मतदान हुआ और मतदान के लिए ७६० इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल किया गया।
डूसू चुनाव के लिए इस बार चुनाव मैदान में कुल २३ प्रत्याशी उतरे थे। भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के अलावा सीवाईएसएस और आइसा के पैनल भी मैदान में थे।