दिल्ली पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ चल रहे शांतिपूर्ण आंदोलन को हिंसक बनाने के प्रयास को कुछ कट्टर दक्षिणपंथी संगठन उतारू हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई करने और समय से पहले उनको काबू करने में असफल रहने पर रविवार शाम को ही दक्षिण पूर्व दिल्ली के डीसीपी चिन्मय बिस्वाल को चुनाव आयोग ने उनके पद से हटा दिया था। इसके ठीक बाद रविवार देर रात करीब 12 बजे दो बदमाश स्कूटी पर सवार होकर जामिया मिल्लिया के गेट नंबर 5 के पास फायरिंग करके फरार भी हो गए। इससे रात में अफरातफरी मच गई। एकबार फिर देर रात ही लोगों का हुजूम जुट गया और जामिया नगर थाने का घेराव किया।
जामिया नगर इलाके में चार दिन में यह चौथी ‘आतंकी’ वारदात थी। ये सारी घटनाएं इलाके में भारी पुलिस बल और खुफिया तंत्र की मौजूदगी में हुईं। हालांकि पुलिस ने चश्मदीदों के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली है। पर, इससे पहले संभवत: इन्हीं घटनाओं के मद्देनजर रविवार देर शाम को ही डीसीपी साउथ-ईस्ट चिन्मय बिस्वाल का ट्रांसफर कर दिया गया था। उनको फिलहाल गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। उनकी जगह एडीशनल डीसीपी कुमार ज्ञानेश को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
घटना के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों और युवाओं ने जामिया नगर पुलिस स्टेशन का घेराव किया। हालांकि शिकायत दर्ज किए जाने और एसएचओ की तरफ से समझाने के बाद सभी छात्र लौट गए। पुलिस का कहना है कि वह सीसीटीवी फुटेज खंगालेगी और उसी के हिसाब से आरोपियों को पहचानकर आगे की कार्रवाई करेगी।