सोशल मीडिया पर डीपफेक वीडियो के आने के बाद से चिंता का माहौल बन गया है। इसी पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सामग्री की जांच के लिए एक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया कंपनियों से मुलाकात के बाद कहा कि, “डीपफेक कंटेंट के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय एक वेबसाइट विकसित करेगा जिस पर उपयोगकर्ता आईडी नियम के उल्लंघन के बारे में अपनी चिंताओं को बता सकते है।”
राजीव चंद्रशेखर ने आगे कहा कि, “एमईआईटीवाई उपयोगकर्ताओं को आईटी नियमों के उल्लंघन के बारे में सूचित करने और एफआईआर दर्ज करने में सहायता करेगा। पोस्ट शेयर करने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और अगर वे यह खुलासा करते हैं कि पोस्ट कहा से आई है तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा जिसमें सामग्री पोस्ट की है।”
उन्होंने आगे कहा कि, “सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपनी उपयोग की शर्तों को आईटी नियमों के अनुरूप करने के लिए सात दिन का समय दिया गया है। आज से आईटी नियमों के उल्लंघन के प्रति शून्य सहिष्णुता है। सरकार डिजिटल क्षेत्र में भारतीयों के लिए सुरक्षा और विश्वास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्र ने कहा कि डीपफेक के निर्माण और प्रसार पर 1 लाख रुपये का जुर्माना और तीन साल की जेल की कड़ी सजा का प्रावधान है।”
आपको बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीपफेक वीडियो बनाने के लिए एआई के दुरुपयोग को चिन्हित किया था और इसे बड़ी चिंता बताया था।
पीएम मोदी ने कहा था कि, “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के समय में यह महत्वपूर्ण है कि प्रौद्योगिकी का उपयोग जिम्मेदारी से किया जाना चाहिए।”