डाँक्टर –डे के अवसर पर आज देश के डाँक्टरों ने माना है कि हर हाल में डाँक्टरों और मरीजों के बीच विश्वास कायम रहना चाहिये क्य़ोंकि समाज और रोगी को डाक्टरों पर अटूट विश्वास है। डाँक्टरों ने कहा कि रोग है, तो इलाज है । भले ही दुनिया भर में कोरोना का कहर लोगों को सता रहा है । पर ऐसे में डाँक्टरों के साहस और चिकित्सा के क्षेत्र में हो रही तरक्की से लोगों को कोरोना के कहर से बचाया जा रहा है और रोगी को जागरूक कर इलाज कर स्वस्थ्य भी किया जा रहा है।एम्स के डाँ आलोक कुमार का कहना है कि कोई भी बीमारी हो, हमें सावधानी के साथ इलाज करवाना चाहिये । कोरोना वायरस एक संक्रमित बीमारी है । लेकिन इस बीमारी को सोशल डिस्टेसिंग के माधयम के साथ –साथ डाक्टरी परामर्श लेकर बचाव किया जा सकता है। मैक्स अस्पताल के कैथ लैब के डायरेक्टर डाँ विवेका कुमार का कहना है कि डाँक्टर- डे इसलिये मनाया जाता है, कि डाक्टरों और मरीजों के बीच जो विश्वास का रिश्ता है, वो कायम रहे और रोगी को हर हाल में डाँक्टर्स के उपचार से लाभ मिलें।डाँ विवेका कुमार का कहना है कि कोरोना काल में हार्ट रोगियों को समय –समय पर जागरूक कर उच्चरक्तचाप .मधुमेह, और तनाव जैसी बीमारी से बचाव के बारे में जानकारी मुहैया कराते रहे है, ताकि किसी भी मरीज को किसी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी बीमारी ना हो।कालरा अस्पताल के निदेशक डाँ आर एन कालरा का कहना है कि डाँक्टरी पेशा भी एक जिम्मेदार पेशा है। इसमें डाँक्टर कई बार अपने स्वास्थ्य की चिन्ता किये बिना भी रोगी की जान को बचाता है । उन्होने कहा कि कोरोना युग में आज भी डाँक्टर रात –दिन किये हुये है और मरीजों को स्वस्थ्य कर अपना दायित्व निभा रहे है। क्योंकि जिस तरीके से अचानक देश- दुनिया में कोरोना का कहर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड कर रहा है। ऐसे में डाक्टरों की जिम्मेदारी और बढ जाती है।नेशनल मेडिकल फोरम के चैयरमेन डाँ प्रेम अग्रवाल का कहना है कि सदियों से चिकित्सकों के प्रति समाज का विश्वास रहा है और चिकित्सक भी मरीजों में अपने -पराये और गरीबी-अमीरी का बिना भेद किये इलाज करते रहे है। पर कुछेक सालों में डाँक्टरों के बीच जरूर कुछ घटनायें ऐसी आयी है जो डाँक्टरी पेशे को शर्मसार की है। उन्होंने डाँक्टरों से अपील की है कि वे डाँक्टरों और मरीजों के बने विश्वास को कायम रखें तोकि समाज में कोई भी व्यक्ति अस्वस्थ ना रहें। पर उन्होंने उन लोगों से भी अपील की है कि डाँक्टरों के साथ अभद्र व्यवहार ना करें जो आपकी जिन्दगी बचाने के लिये रात –दिन किये हुये है।कोरोना के इलाज के दौरान जो भी डाँक्टरों के साथ हुआ है वो किसी से छिपा नहीं है।देश के डाँक्टरों ने कोरोना वायरस जैसी खतरनाक बीमारी में जो सेवायें दी है वो सराहनीय है।