राजधानी दिल्ली में कोरोना और प्रदूषण सहित मौसमी बीमारियों का प्रकोप तेजी से फैला हुआ है। वहीं दिल्ली नगर निगम के डाँक्टरों की हड़ताल से लोगों का हाल बेहाल है। स्वास्थ्य सेवायें नहीं मिल पा रही है। मरीज मजबूरी में निजी अस्पतालों में जाकर पैसा देकर इलाज करा रहे है। बतातें चले कि दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले अस्पतालों में काम करने वाले डाँक्टरों को 4 महीने से वेतन ना मिलने पर डाँक्टरों ने अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चेतावनी दी है।
बाड़ा हिन्दू राव अस्पताल और कस्तूरबा गांधी अस्पताल के डाक्टरों का कहना है कि दिल्ली में आप पार्टी की सरकार है और दिल्ली नगर निगम भाजपा के पास है। ऐसे में दोनों राजनीतिक दल डाँक्टरों के नाम पर सियासत कर रहे है। डाँक्टर अंकित का कहना है कि दिल्ली में कोरोना और वायु प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। भाजपा और आप पार्टी के नेता इस समस्या से वाकिफ है फिर भी दोनों दल डाँक्टरों की वेतन देने की पहल नहीं कर रहे है। जिससे डाँक्टरों के साथ-साथ मरीजों को परेशानी हो रही है। डाँ जुगल का कहना है कि इस समय दिल्ली सही मायने में बीमार है और दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन भी मान रहे है कि आने वाले दिनों में 12 से 14 हजार तक मरीज प्रतिदिन आ सकते है। फिर भी ये हाल है।
भाजपा के नेता व उत्तरी दिल्ली के मेयर जय प्रकाश का कहना है कि दिल्ली सरकार पर तीनों जोनों का 13 हजार करोड़ का वकाया है जिससे दिल्ली नगर निगम में पैसा का संकट है जिसके कारण वेतन देने में दिक्कत हो रही है। मरीजों के परिजन सोहन लाल, महेश जोशी ने तहलका संवाददाता को बताया कि आप और भाजपा की सियासत में मरीजों को स्वास्थ्य का इलाज कराने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।