जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन कर रहे स्टार पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया सहित देश के शीर्ष अन्य पहलवान मंगलवार को गंगा नदी में अपने पदक को विसर्जित करने सैकड़ों समर्थकों के साथ पहुंचे।
पहलवानों के इस कदम पर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि, “दिल्ली पुलिस इस मामले में जांच कर रही हैं। हालांकि प्रदर्शनकारी पहलवानों ने खाप और किसान नेताओं के मनाने पर पदकों को गंगा में प्रवाहित नहीं किया। पहलवानों ने अपनी मांगे मानने के लिये पांच दिन का समय दिया है।“
बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि, “पहलवानों द्वारा अपनी ख्याति को पानी में फेंकने का निर्णय विशुद्ध रूप से उनके द्वारा लिया गया निर्णय था। इस मामले की दिल्ली पुलिस द्वारा जांच की जा रही है यदि आरोपों में कोई सच्चाई है तो गिरफ्तारी की जाएगी।“
बता दें, प्रदर्शन कर रहे पहलवान जैसे अपने विश्व और ओलंपिक पदक गंगा नदी में बहाने को तैयार हुए वैसे ही हर की पौड़ी पर काफी भीड़ इकट्ठा हो गर्इ और 20 मिनट तक चुपचाप वहां खड़े रहने के बाद वहां बैठे रहे। इस बीच खाप और राजनेताओं के अनुरोध के बाद करीब पौने दो घंटे यहां बिताने के बाद पहलवान वापिस लौट आये।
किसान नेता शाम सिंह मलिक और नरेश टिकैत ने मामले को सुलझाने के लिए पहलवानों से पांच दिन का समय मांगा है। पहलवान जितेंदर किन्हा ने कहा कि, खाप नेताओं ने हमारे सामने अपनी पगड़ी रख दी और कहा कि उम्मीद मत छोड़ो। पगड़ी की लाज रखो और लौट चलो।
आपको बता दें, 23 अप्रैल से भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर आंदोलन फिर से शुरू किया था। बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित अन्य पहलवानों के साथ कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है।