बुराई आक्रामक होती है। सोशल मीडिया के युग में बुराई और अच्छाई को वायरल होने में कोई ज़्यादा समय नहीं लगता है। अच्छाई में कोई प्रतिक्रिया ख़ास मायने नहीं रखती है; लेकिन बुराई में प्रतिक्रिया आग में घी का काम करती है। ऐसा ही मौज़ूदा समय में हेयर स्टाइलिस्ट जावेद हबीब के थूक कांड को लेकर वीडियो वायरल होने पर हो रहा है। इससे मानवीय संवेदनाओं और विश्वास को आघात लगा है। बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में एक सेमिनार में ब्यूटिशियन पूजा गुप्ता नामक एक महिला के बाल काटते हुए वहाँ उपस्थित सैकड़ों लोगों के सामने जावेद हबीब तो पूजा के बालों पर थूककर यह बताते हुए दिखाया है कि अगर बालों की कटिंग के दौरान पानी कम पड़ जाए, तो थूक से पानी की कमी को दूर किया जा सकता है।
साथ ही जावेद हबीब ने यह भी कहा है कि उसके थूक में जान है। इसी बात को लेकर पूजा गुप्ता ने जावेद हबीब की शरारत पर रोष जताते हुए आपत्ति व्यक्त की है और मुज़फ़्फ़रनगर थाने में एफआरआई दर्ज करायी है। पूजा गुप्ता के साथ हुए थूक कांड के बाद बजरंग दल और हिन्दू सेना के सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन कर हबीब का विरोध जताया है और कई जगह तोड़-फोड़ भी है। मामला तूल पकड़ता देख जावेद हबीब ने सार्वजनिक तौर पर माफ़ी माँगते हुए कहा कि सेमिनार में कई-कई घंटे लग जाते हैं। ऐसे में मज़ाक़ में मनोरंजन के तौर पर उसने यह किया। फिर भी वह माफ़ी माँगता है।
पूजा गुप्ता का कहना है कि वह ख़ुद एक ब्यूटी पार्लर चलाती है। इसलिए बालों के रख-रखाव और ब्यूटिशियन से जुड़े सेमिनार में भाग लेने गयी थी। जावेद हबीब ने बाल काटते हुए और बालों में सूखापन को पानी की बजाय थूक से दूर करने का जो षड्यंत्र किया है, उससे वह आहत है। पूजा ने कहा कि सोशल मीडिया के युग में तो बात हबीब की सामने आ गयी। अन्यथा न जाने कबसे हबीब लोगों के बालों पर थूककर उन्हें काट रहा होगा। हबीब जैसे लोगों का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए। पूजा ने माँग की है कि कोरोना जैसी घातक बीमारी में थूक से न जाने कितने लोग बीमार हुए होंगे, इसकी भी जाँच होनी चाहिए। जावेद हबीब के थूक कांड के बाद लोगों ने हबीब के देश भर में बने सैकड़ों सैलूनों पर जाना कम कर दिया है। दिल्ली के हबीब हेयर सैलून में बाल कटवाने वाले पंकज ने ‘तहलका’ को बताया कि हबीब का कैंची और बालों से पुस्तैनी रिश्ता रहा है। लोगों को हबीब पर विश्वास था; लेकिन अब विश्वास टूट गया है। ऐसे में हबीब जैसों की दुकानों को बन्द किया जाना चाहिए। हबीब की तरकीब और घिनौने अमानवीय कृत्य को लेकर तामाम सामाजिक संगठनों के साथ राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए इस मामले की जाँच के अलावा हबीब पर क़ानूनी कार्रवाई की माँग की है।
बताते चलें कि जावेद हबीब के दादा नजीर अहमद और पिता हबीब अहमद अग्रेजों के जमाने से बाल काटते आ रहे हैं। जावेद हबीब भी उसी पुस्तैनी काम को आगे बढ़ा रहा है। हबीब जवाहर लाल विश्वविद्यालय (जेएनयू) से फ्रांस भाषा से मास्टर की डिग्री हासिल करने के अलावा हबीब ने लंदन में भी हेयर स्टाइलिस्ट में भी डिग्री हासिल ही है। फिर भी अगर उसने थूक कांड किया है, तो इसको सोची-समझी शरारत ही कहा जाएगा, जो हबीब और उसके काम की विश्वनीयता पर सवालिया निशान लगाती है। जावेद हबीब के देश भर में कई हज़ार हेयर सैलून चल रहे हैं, जिसमें अमीर लोग ही बाल कटवाने जाते हैं। क्योंकि उनके यहाँ बालों की कटिंग 500 रुपये से शुरू होती है। बताते चलें कि भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में सिंगापुर, बंग्लादेश, केन्या और दुबई जैसे देशों में फ्रेंचाइजी चल रही है। दिल्ली में बारबर एसोसिएशन के पदाधिकारी सलीम खान का कहना है कि बालों की कटिंग का काम विश्वनीयता का होता है। लोग विश्वास करके कटिंग करने वालों की बात पर भरोसा करके दाढ़ी और बाल कटवाते हैं। बालों की कटिंग के दौरान बाल आँख में न चले जाएँ, इसलिए वे आखों को बन्द कर लेते हैं। यह सब विश्वास ही तो है। ऐसे में अगर कोई थूककर या अन्य शरारत करके कटिंग करता है, तो यह धोखा है। उनका कहना है कि अगर ऐसी घटनाएँ होंगी, तो निश्चित तौर पर लोग सैलून में बालों की कटिंग कराने से बचेंगे। क्योंकि सोशल मीडिया के ज़रिये ऐसे मामले लोगों तक पहुँचते हैं और उनमें आक्रोश पनपता है। वैसे भी आजकल वीडियो बनना परम्परा में आ गया है। ऐसे में ईमानदारी और साफ़-सुथरे तरीक़े से बाल काटने वालों का काम भी प्रभावित होगा।