ट्विटर ने बीबीसी और यूएस रेडियो नेटवर्क एनपीआर को ‘सरकार संबद्ध मीडिया’ बताने के बाद हुए हंगामे के कारण अपने कदम खींचते हुए इन्हें अब ‘सरकार के वित्त-पोषित’ वाली श्रेणी में डाल दिया है।
रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इसके चलते ब्रिटेन के ब्रॉडकास्टर बीबीसी ने ट्विटर से स्पष्टीकरण मांगा है। उधर वाशिंगटन से संचालित नेशनल पब्लिक रेडियो (एनपीआर) की श्रेणी ट्विटर ने शनिवार रात को बदली, और यह बदलाव नेटवर्क के शिकायत किए जाने के बाद किया गया कि ‘सरकार संबद्ध’ कहना अनुचित और अपमानजनक है।
हंगामा होने पर माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर ने बिना डेरी के कदम खींचते हुए अब नेटवर्क को ‘सरकार द्वारा वित्त-पोषित’ श्रेणी में दर्ज किया है। ब्रिटिश नागरिकों के लाइसेंस फीस का भुगतान कर वित्तपोषित किए जाने वाले ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) पर भी एलन मस्क के सोशल मीडिया नेटवर्क ने नया लेबल ‘सरकार द्वारा वित्त-पोषित’ लागू कर दिया है।
ट्विटर की पॉलिसी के तहत इन फ़ैसलों से दोनों कंपनियों के ट्वीट डी-एम्प्लीफाई हो जाएंगे, और मीडिया कंपनियों, जानी-मानी हस्तियों और शीर्ष सरकारी अधिकारियों के लिए अहम टूल बन चुके ट्विटर पर उनकी पहुंच भी सीमित हो जाएगी।
एनपीआर के खिलाफ एलन मस्क के इस कदम से कुछ ही दिन पहले ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ का वेरिफ़ाइड स्टेटस भी ख़त्म कर दिया गया था, जिस पर एनपीआर की ही तरह अक्सर वाम-समर्थित, विशेष रूप से अमेरिकी कंज़रवेटिव, विचारों का साथ देने के आरोप लगते हैं।
ट्विटर ने पिछले सप्ताह एनपीआर को सरकारी स्वामित्व वाले चीनी और रूसी प्लेटफार्मों के समान ही श्रेणी में दर्ज किया था। ट्विटर के इस कदम के विरोध में एनपीआर ने ट्वीट करना बंद कर दिया 88 लाख फॉलोअर वाले अपने मुख्य अकाउंट के ट्विटर बायो में एनपीआर ने यूज़रों से कहा कि वे ख़बरें पढ़ने के लिए एनपीआर को अन्य प्लेटफॉर्मों पर तलाश करें।
एनपीआर के सीईओ जॉन लैन्सिंग का कहना था कि ट्विटर का फ़ैसला ‘अस्वीकार्य’ है, और तभी से एनपीआर के अकाउंट पर कोई अपडेट नहीं किया गया है। एनपीआर के संचालित किए जाने वाले म्यूज़िक और पॉलिटिक्स जैसे अन्य हैंडलों को ‘सरकार संबद्ध मीडिया’ नहीं कहा गया था, इसलिए उन पर लगातार ट्वीट होते रहे हैं।