केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को साल २०२०-२१ के लिए मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा और वित्त मंत्री के नाते अपना दूसरा केंद्रीय बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और केंद्र सरकार का कर्ज घटकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के ४८.७ फीसदी पर आ गया है।
उन्होंने अपने भाषण में कई बड़े ऐलान किए। वित्त मंत्री ने टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव का ऐलान किया और कहा कि 5 से 7.5 लाख रुपये तक की आमदनी पर 10 फीसदी टैक्स देना होगा। इसके साथ ही 7.5 से 10 लाख रुपये तक की आमदनी पर 15 फीसदी, 10 से 12.5 लाख रुपये की आमदनी पर 20 फीसदी टैक्स, 12.5 से 15 लाख रुपये की आमदनी पर 25 फीसदी और 15 लाख से ऊपर की आमदनी पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा। लेकिन नयी आयकर व्यवस्था वैकल्पिक होगी, करदाताओं को पुरानी व्यवस्था या नयी व्यवस्था में से चुनने का विकल्प होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2020-21 में ऐलान किया कि सरकार एक टैक्स पेयर चार्टर बनाएगी जिससे अब किसी भी करदाता कोई भी तंग नहीं कर पाएगा। उन्होंने कहा कि नेशनल भर्ती एजेंसी बनाई जाएगी वहीं किसानों को किसानों को 15 लाख करोड़ तक कर्ज का देने का लक्ष्य है।
उन्होंने अपने भाषण में कई बड़े ऐलान किए। वित्त मंत्री ने टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव का ऐलान किया और कहा कि 5 से 7.5 लाख रुपये तक की आमदनी पर 10 फीसदी टैक्स देना होगा। इसके साथ ही 7.5 से 10 लाख रुपये तक की आमदनी पर 15 फीसदी, 10 से 12.5 लाख रुपये की आमदनी पर 20 फीसदी टैक्स, 12.5 से 15 लाख रुपये की आमदनी पर 25 फीसदी और 15 लाख से ऊपर की आमदनी पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा। लेकिन नयी आयकर व्यवस्था वैकल्पिक होगी, करदाताओं को पुरानी व्यवस्था या नयी व्यवस्था में से चुनने का विकल्प होगा।
वित्त मंत्री के रूप में वह दूसरी बार बजट पेश रहीं निर्मला सीतारमण ने लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी की अगुवाई में मिली जीत का जिक्र किया और कहा कि यह प्रचंड जनादेश था और स्थायित्व ने वाला है।
जीएसटी पर वित्त मंत्री ने अरुण जेटली को याद किया और कहा कि उनकी दूरदर्शिता के चलते जीएसटी लागू हुआ और इससे डरावना इंस्पेक्टर राज खत्म हो गया। कहा कि बैंकिंग सिस्टम सुधार आया है जिससे बैंकों की हालत में सुधार हुआ है। अब तक 40 करोड़ का जीएसटी फाइल हो चुका है। अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है और 2014 से 2019 के बीच सरकारी कामकाज में बदलाव आया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार महंगाई को काबू करने में कामयाब हुई है। बीते साल 16 लाख से ज्यादा नए करदाता जुड़े हैं। जीडीपी में हमारा कर्ज अनुपात घटा है। छोटे और मझोले उद्योगों को राहत मिली है।
सीतारमण ने दावा किया कि उनकी सरकार ने व्यवस्था को बदल डाला है। पीएम मोदी के नारे ‘सबका साथ, सबका विश्वास’ का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने पीएम आवास योजना का भी जिक्र किया। सीतारमण ने साल 2020-21 के लिए अनुमानित जीडीपी 10 फीसदी आंकी, हालांकि उनके ऐसा कहते ही संसद में जोरदार हंगामा हुआ।
वित्त मंत्री ने सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अराजपत्रित पदों पर भर्ती में महत्वपूर्ण सुधार के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी की स्थापना करने का प्रस्ताव किया। और कहा कि घटिया सामान पर अकुंश लगाने के लिए कदम उठाये जायेंगे। इस साल के दौरान सभी मंत्रालय गुणवत्ता मानक आदेश जारी करेंगे। सीतारमण ने कहा कि इससे देश में गुणवत्ता वाले सामान की बिक्री को प्रोत्साहन दिया जा सकेगा और घटिया सामान के आयात पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
अपने भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और केंद्र सरकार का कर्ज घटकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 48.7 प्रतिशत पर आ गया है। यह मार्च, 2014 में 52.2 प्रतिशत था। वित्त मंत्री ने कहा कि 2014-19 के दौरान औसत वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत से अधिक रही। इस दौरान औसत मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रही। सीतारमण ने अपने बजट भाषण कई कल्याण योजनाओं मसलन सस्ता घर, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) और आयुष्मान भारत का जिक्र किया।
सीतारमण ने ऐलान किया कि देश में जल्द नई शिक्षा नीति घोषित की जाएगी। पुलिस विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय अपराध विज्ञान विश्वविद्यालय के गठन किया जाएगा। शिक्षा के लिए 99 हजार 300 करोड़ तथा कौशल विकास के लिए 3000 करोड़ रूपये आवंटित किए गए हैं। मुख्यत: तीन बातों ‘आकांक्षी भारत, सभी के लिए आर्थिक विकास करने वाला भारत और सभी की देखभाल करने वाला समाज भारत पर केंद्रित है।
वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2014-15 से 2018-19 के दौरान 7.4 प्रतिशत की औसत आर्थिक वृद्धि हासिल की गई। भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो गया। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल 2020 से जीएसटी की नई सरलीकृत रिटर्न व्यवस्था लागू होगी।
उन्होंने कहा कि जीएसटी से परिवहन और लॉजिस्टिक क्षेत्र की दक्षता बढ़ी है। इंस्पेक्टर राज समाप्त हुआ, लघु और मझोले उद्योग क्षेत्र को लाभ हुआ और ग्राहकों को एक लाख करोड़ रुपये का सालाना बचत हुई है।
बजट भाषण में कश्मीरी में सीतारमण ने यह पंक्तियाँ भी पढ़ीं – ”हमारा वतन खिलते हुए शालीमार बाग जैसा, डल लेक में खिलते हुए कमल जैसा, नौजवानों के गरम खून जैसा, मेरा वतन, तेरा वतन, दुनिया का सबसे प्यारा वतन।”
सीतारमण ने कहा कि इस बजट का लक्ष्य लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना, कारोबार को मजबूत करना, सभी अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति / जनजाति की महिलाओं की आकांक्षाओं को पूरा करना है।
वित्त मंत्री ने कहा – ”मैं दूरदर्शी नेता स्वर्गीय अरुण जेटली को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। जीएसटी संरचनात्मक सुधारों में सबसे ऐतिहासिक रहा है। जीएसटी धीरे-धीरे एक कर में परिपक्व हो रहा है जिसने देश को आर्थिक रूप से एकीकृत किया है।”
मंत्री ने कहा कि 27 करोड़ लोग अब गरीबी रेखा से बाहर हुए। जीडीपी का घाटा अब कम हुआ है। इज ऑफ लिविंग पर काम हुआ है। करीब 284 अरब डॉलर विदेशी निवेश आया। कहा कि पशुपालन और मत्स्य पालन पर ध्यान देने की जरूरत है। कृषि क्षेत्र के लिए 16 सूत्रीय प्लान तैयार किया गया है।
उन्होंने बजट में वादा किया कि सरकार ज्यादा रोजगार गांवों में देगी। डिजिटल लेनदेन पर ज्यादा काम होगा। शिक्षा, स्वास्थ्य और नौकरी पर फोकस रहेगा। किसानों की आय 2022 तक दुगनी करने को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है। करीब 6.11 करोड़ लोगों के लिए बीमा योजना बनेगी। तीन किसान मॉडलों को फॉलो करने वाले राज्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 2014 से 2019 के दौरान 284 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया है। सरकार किसानों के लिए 16 सूत्रीय फॉर्मूले का ऐलान करती है, जिससे किसानों को फायदा पहुंचेगा। हमारी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर प्रतिबद्ध है। दीनदयाल अंत्योदय योजना में 58 लाख एसएचजी बने हैं। इन्हें मजबूत बनाएंगे। इन 16 स्कीम के लिए फंड 2.83 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
उनहोंने कहा कि कृषि, सिंचाई, के लिए 1.2 लाख करोड़ रुपए जो टोटल फंड में शामिल है। किसानों के लिए वेयरहाउस बनाएंगे। कृषि उड़ान योजना शुरू होगी, किसान रेल योजना शुरू होगी। स्वास्थ्य के क्षेत्र के लिए इस वित्त वर्ष में केंद्र सरकार ने 69,000 करोड़ आवंटित किए हैं। स्वच्छ भारत के लिए 12,000 करोड़ और जल जीवन मिशन के लिए 3.60 करोड़ आवंटित किए गए हैं।
उनहोंने कहा कि कृषि, सिंचाई, के लिए 1.2 लाख करोड़ रुपए जो टोटल फंड में शामिल है। किसानों के लिए वेयरहाउस बनाएंगे। कृषि उड़ान योजना शुरू होगी, किसान रेल योजना शुरू होगी। स्वास्थ्य के क्षेत्र के लिए इस वित्त वर्ष में केंद्र सरकार ने 69,000 करोड़ आवंटित किए हैं। स्वच्छ भारत के लिए 12,000 करोड़ और जल जीवन मिशन के लिए 3.60 करोड़ आवंटित किए गए हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि गरीब छात्रों के लिए ऑनलाइन डिग्री प्रोग्राम का प्रावधान, जिला अस्पतालों में मेडिकल यूनिवर्सिटी का प्रावधान, एजुकेशन सेक्टर के लिए एफडीआई लाया जाएगा।
देश के 550 रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा का एलानभी उन्होंने किया। तेजस जैसी और ट्रेन जो टूरिस्ट स्थानों को जोड़ेंगी और पीपीपी मॉडल से 4 नये स्टेशन बनेंगे।