केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा देश में कोरोना वैक्सीन की कमी को लेकर पूछे गए सवाल के दौरान मीडियाकर्मियों से बुरी तरह भड़क गए। बंगलुरू में पत्रकारों ने जब कोरोना वायरस और टीके से जुड़े सवाल दागे तो वे अपना आपा खो बैठे। सरकार की ओर से जवाब देने के बजाय उन्होंने कहा कि क्या सरकार में बैठे लोगों को टीके के उत्पादन में नाकामी की वजह से खुद को फांसी पर लटका लेना चाहिए? वहीं भाजपा महासचिव सीटी रवि ने दावा किया कि पहले से व्यवस्थाएं न की गई होतीं तो 10 गुना ज्यादा लोग मौत क शिकार हो चुके होते।
केंद्रीय मंत्री गौड़ा ने कहा कि अदालत ने अच्छी मंशा से कहा है कि देश में सबको टीका लगवाना चाहिए। मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि अगर अदालत कल कहती है कि आपको इतने (टीके) देने हैं और अगर इनका उत्पादन न हो पाए तो क्या हमें खुद को फांसी पर लटका लेना चाहिए? टीके की किल्लत के सवालों पर केंद्रीय मंत्री ने सरकार की कार्रवाई योजना पर जोर दिया और कहा कि इसके निर्णय किसी भी राजनीतिक लाभ या किसी अन्य कारण से निर्देशित नहीं होते हैं। इससे पहले महज दो कंपनियों के टीके बनाने पर सवाल उठाए जा चुके हैं और दूसरी कंपनियों को भी फाॅर्मूला साझा करने के सुझाव दिए जा चुके हैं।
सदानंद गौड़ा ने कहा कि सरकार ईमानदारी से अपने काम को अंजाम देती आ है और इस दौरान कुछ खामियां सामने आई हैं। मंत्री ने जानना चाहा कि यावहारिक रूप से, कुछ चीजें जो हमारे नियंत्रण से परे हैं, क्या हम उसका प्रबंधन कर सकते हैं? उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए अपना बेस्ट दे रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले एक या दो दिन में चीजें सुधरेंगी और लोगों को टीका लगे।
बंगलुरु में गौड़ा के साथ मौजूद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने दावा किया कि अगर व्यवस्था समय पर नहीं की जाती तो चीजें बदतर हो सकती थी। रवि ने कहा कि यदि पहले से उचित व्यवस्था नहीं की गई होती तो मौतें 10 गुना या 100 गुना ज्यादा होतीं। रवि ने माना कि कोरोना संक्रमण के अकल्पनीय प्रसार के कारण हमारी तैयारी नाकाम रही।