टीवी चैनलों की तरफ से टीआरपी बढ़ाने के लिए कई कुछ किया जाता है, लेकिन मुंबई पुलिस ने गुरूवार को खुलासा किया है कि उसने एक फ़र्ज़ी टीआरपी रैकेट का पर्दाफाश किया है। मुंबई पुलिस ने एक प्रेस कांफ्रेंस में तीन चैनलों रिपब्लिक भारत, बॉक्स सिनेमा और वक्त मराठी पर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि ये टीवी चैनल कथित रूप से पैसा देकर टीआरपी मैनेज करने का काम कर रहे थे। पुलिस ने कहा कि रिपब्लिक टीवी चैनल के डायरेक्टर के खिलाफ कार्रवाई और उसके खातों की जांच हो सकती है। इस घोटाले में पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक इस मामले में भादंसं की धाराओं 409, 420 के तहत मामला दर्ज किया गया है। उधर रिपब्लिक टीवी ने कहा है कि वह मुंबई पुलिस के खिलाफ कदम उठाएगा, क्योंकि यह आरोप झूठे हैं।
पुलिस कमिश्नर ने न्यूज चैनलों पर चल रहे टीआरपी के एक बड़े खेल का खुलासा किया है। पुलिस ने कहा कि न्यूज चैनलों पर सुशांत के नाम पर प्रोपेगैंडा चलाया जा रहा था, साथ ही फॉल्स टीआरपी का रैकेट भी चल रहा है। चैनलों को खुफ़िआ डाटा बेचा गया। पुलिस ने कहा है कि चाहे कोइ कितना भी बड़ा होगा उसे क़ानून के सामने लाया जाएगा।
मुंबई पुलिस ने कहा कि पैसा देकर फॉल्स टीआरपी कराया जाता था। इस मामले में मुंबई पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है। मुंबई पुलिस का कहना है कि रिपब्लिक टीवी पैसा देकर टीआरपी खरीदता है। पुलिस ने दावा किया कि कुछ अनपढ़ लोगों के घर भी अंग्रेजी चैनल चलते थे। मुंबई पुलिस ने बताया कि हमें ऐसी सूचना मिली कि पुलिस के खिलाफ फेक प्रोपेगैंडा चलाया जा रहा है।
प्रेस कांफ्रेंस में पुलिस के मुताबिक रिपब्लिक टीवी पैसा देकर टीआरपी बढ़ाता है. चैनल के डायरेक्टर के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। चैनल के खातों की जांच हो सकती है। पुलिस ने बताया कि उसने टीआरपी को कैलकुलेट करने वाली एजेंसी बीएआरसी (बार्क) से जुड़ी हंसा नाम की एक एजेंसी पर शिकंजा कसा। देश भर में 3000 से ज्यादा पैरामीटर्स, मुंबई में तकरीबन 2000 पैरामीटर्स के मेंटेनेंस का जिम्मा बार्क से जुड़ी एजेंसी हंसा को दिया गया था जो टीआरपी के साथ छेड़छाड़ कर रही थी।
मुंबई पुलिस के मुताबिक जिन घरों में ये कॉन्फिडेंशियल पैरामीटर्स लगाए गए थे उस डेटा को किसी चैनल के साथ शेयर कर उनके साथ टीआरपी को छेड़छाड़ किया गया। इन घरों में एक खास चैनल को ही लगाकर रखने के लिए कहा गया था जिसके बदले में उन्हें पैसे दिए जाते थे। इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया और अदालत में पेश किया गया।
पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किए गए शख्स के बैंक अकाउंट से तकरीबन 10 लाख और 8 लाख नगद बरामद किए गए हैं। तीन चैनलों की जानकारी मिली जिनमें से दो छोटे चैनल हैं। पुलिस ने बताया कि ये डेटा को कॉम्प्रमाइज और पैसा देकर टीआरपी को मैन्युपुलेट करने का काम कर रहे थे।
मुंबई पुलिस के मुताबिक विशेष चैनल को ऑन करने के लिए कहा जाता था। अनपढ़ लोगों के घरों में इंग्लिश के चैनल को ऑन करने की भी डील की गई थी। महीना फिक्स था। लोगों के घरों में पैसा देते थे। बीस लाख रुपये एक अकाउंट से सीज किए गए। एक आदमी से 8 लाख कैश बैंक लॉकर से रिकवरी हुई है।
इस घोटाले में पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक इस मामले में भादंसं की धाराओं 409, 420 के तहत मामला दर्ज किया गया है। उधर रिपब्लिक टीवी ने कहा है कि वह मुंबई पुलिस के खिलाफ कदम उठाएगा, क्योंकि यह आरोप झूठे हैं।