टीआरपी घोटाला : रिपब्लिक टीवी से पहली गिरफ्तारी, अ​सिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट 13 तक हिरासत में

टीआरपी घोटाले में मुंबई में गिरफ्तारी का सिलसिला जारी है। मंगलवार को क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (सीआईयू ) ने रिपब्लिक टीवी से पहली गिरफ्तारी की है। चैनल के डिस्ट्रीब्यूशन हेड घनश्याम सिंह को सुबह उनके ठाणे स्थित घर से गिरफ्तार किया गया। बाद में पुलिस ने उन्हें किला कोर्ट में पेश किया। मजिस्ट्रेट ने घनश्याम सिंह को 13 नवंबर तक सीआईयू की हिरासत में भेज दिया।

इससे पहले भी घनश्याम सिंह से टीआरपी घोटाला मामले में पूछताछ हो चुकी है। अपराधा शाखा से जुड़े सूत्रों के अनुसार, सिंह सिर्फ डिस्ट्रीब्यूशन हेड ही नहीं हैं, उनका ओहदा रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क में असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट का भी है। सिर्फ घनश्याम सिंह ही नहीं, टीआरपी केस में सीआईयू रिपप्ब्लिक टीवी चैनल में टॉप रैंक के आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को पूछताछ के लिए तलब कर चुकी है। इस केस में अब तक कुल 12 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। इनमें से दो आरोपी उमेश मिश्रा और आशीष चौधरी सीआईयू के अप्रूवर भी बन चुके हैं।

सीआईयू ने कई गवाहों के अब तक बयान दर्ज किए हैं। कई गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने भी दर्ज कराए गए हैं। जिनके घर बैरोमीटर लगाए गए थे, उनमें से भी कुछ लोगों ने अपने बयान दर्ज कराए हैं।

अन्य चैनल भी जांच के घेरे में
सीआईयू ने कुछ आरोपियों की पिछले महीने रिमांड एप्लिकेशन में जिन कुछ चैनलों के मालिकों और संचालकों को आरोपी बनाया था, उनमें रिपब्लिक चैनल का भी नाम था। रिपब्लिक के अलावा न्यूज नेशन, डब्ल्यूओडब्ल्यू, फख्त मराठी, बॉक्स सिनेमा और महामूवी चैनल चैनल से जुड़े मालिक-संचालक भी जांच के घेरे में हैं।

खास चैनल देखने के दिए जाते थे पैसे
मामले में कुछ खास चैनलों को देखने के लिए लोगों को पैसे दिए जाते थे, भले ही उन लोगों की उस चैनलों में कोई दिलचस्पी न हो। रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी 2018 के अलीबाग के इंटीरियर डिजाइनर खुदकुशी केस में पिछले सप्ताह गिरफ्तार हो चुके हैं। हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत खारिज होने के बाद ​फिलहाल वह जेल में ही हैं। इन दिनों अर्नब को नवी मुंबई की तलोजा जेल भेज दिया गया है।