विधानसभा चुनाव से ऐन पहले झारखंड में भाजपा ने दूसरे दलों के नेताओं को फोड़ने का काम शुरू कर दिया है। भाजपा इससे पहले दूसरे राज्यों में भी ऐसा करती रही है। बुधवार को गैर भाजपा दलों के ५ विधायक भाजपा में शामिल हो गए।
यह दलबदल करवाकर भाजपा ने चुनाव से पहले विपक्षी पार्टियों को झटका देने की कोशिश की है। सूबे की राजधानी रांची में विपक्षी पार्टियों के यह पांच विधायक सीएम रघुबर दास की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए। इनमें झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के दो विधायक (कुनाल षाडंगी, जेपी भाई पटेल), कांग्रेस के भी दो विधायक (सुखदेव भगत, मनोज यादव) और नव जवान संघर्ष मोर्चा के भानु प्रताप शाही भाजपा में शामिल होने वालों में शामिल हैं।
सीएम समेत पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयंत सिन्हा और अन्य नेता इस मौके पर मौजूद रहे। भाजपा दूसरे दलों के नेताओं को चुनाव से पहले अपने साथ मिलाने की परंपरा में आगे बढ़ती दिख रही है। दूसरे राज्यों में भी भाजपा ने यही किया है। भाजपा को उम्मीद है कि दूसरे दलों को अपने साथ मिलाने से उसे चुनाव में बड़ा फायदा होगा। मन जा रहा है कि भाजपा झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस में बगावत को हवा दे रही है।
इन विधायकों को पार्टी ज्वाइन कराते हुए सीएम रघुवर दास ने कहा – ”जवान संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष भानु प्रताप ने पार्टी का विलय किया है। यह सूबे के लिए सुखद संदेश है।”