कोरोना से जूझ रहे किसानों के लिए सरकार ने बड़ा झटका दिया है। किसानी के लिए अति महत्वपूर्ण रासायनिक खाद डाई अमोनियम फास्फेट यानी डीएपी की कीमत में बेतहाशा इजाफा कर दिया गया है। सरकार के अंतर्गत आने वाली कंपनी इफको ने डीएपी खाद की कीमत 58.33 फीसदी बढ़ा दी है। यानी अब डीएपी की 38 किलोग्राम की बोरी 1200 रुपये की बजाय 1900 रुपये में मिलेगी। जबकि निजी क्षेत्र की कंपनियां पहले ही 50 किलोग्राम की बोरी की कीमत 300 रुपये बढ़ा चुकी हैं।
सहकारी क्षेत्र के इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव के इस कदम से चार महीने से आंदोलन कर रहे किसानों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। सरकार पहले ही किसानों की बात नहीं सुन रही है और अब खेती के लिए बेहद जरूरी खाद की कीमत में बेतहाशा बढ़ोतरी से छोटे किसानों पर कहीं ज्यादा बोझ बढ़ गया है।
बता दें कि इफको तो सहकारी क्षेत्र की कंपनी है, जिस पर काफी हद तक सरकार की मर्जी चलती है। निजी क्षेत्र की पारादीप फॉस्फेट लिमिटेड और गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स कॉर्पोरेशन ने इसका प्रिंट रेट 1,500 रुपये कर दिया था। अब जबकि इफको ने ही इसका दाम 1,900 रुपये कर दिया है तो अन्य कंपनियां भी यही कदम उठाएंगी।
कीमत बढ़ाए जाने को सही साबित करने के लिए इफको के अधिकारी अंतरराष्ट्रीय बाजार में डीएपी में इस्तेमाल होने वाले फॉस्फोरिक एसिड और रॉक फॉस्फेट की कीमत में इजाऊा को वजह बता रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि देश में इसकी उपलब्धता काफी कम है। इसलिए ये दोनों उत्पाद विदेशों से मंगाए जाते हैं।