भारत ने एशियाई खेलों में सोमवार को एक और स्वर्ण पदक जीतकर अपने पदकों की संख्या आठ कर ली। भारत के नीरज चोपड़ा ने जेवेलियन थ्रो में यह स्वर्ण पदक भारत की झोली में डाला। एशियन गेम्स का ९वें दिन भारत के नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक स्पर्धा में राष्ट्रीय रेकार्ड (88.60 मीटर) के साथ एशियन गेम्स 2018 में स्वर्ण पदक जीता। भारत ने ८ स्वर्ण, १३ रजत और २० कांस्य सहित कुल ४१ पदक जीते हैं।
उधर नीना वराकिल ने 6.51 मीटर की छलांग लगाकर महिला लम्बी कूद स्पर्धा का रजत पदक अपने नाम किया। वहीं धरुण अय्यासामी ने 400 मीटर बाधा दौड़ में 48.96 सेकेंड के साथ भारत को सिल्वर मेडल दिलाया। सुधा सिंह ने 3000 मीटर स्टेलपचेज में भारत के लिए 9:40.03 सेकेंड के साथ सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया।
इससे पहले भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु सोमवार को अपनी प्रतिद्वंदी को हराकर १८वें एशियाई खेलों की महिला एकल बैडमिंटन स्पर्धा के फाइनल में पहुँच गयी। सिंधु ने एक कड़े सेमीफाइनल मुकाबले में जापान की अकाने यामागुची को तीन सेटों में मात देकर खिताबी मुकाबले में जगह बनाई। उधर दूसरी भारतीय स्टार खिलाड़ी साइना नेहवाल हालाँकि अपना सेमीफाइनल मुकाबला हार गयी। साइना को इस हार के बाद कांस्य पैदल से संतोष करना पड़ा है।
सिंधु का फाइनल में अब चीनी ताइपे की ताइ जु यिंग से मुकाबला होगा।
सिंधु ने एक घंटे और पांच मिनट चले मुकाबले में विश्व की दो नंबर की खिलाड़ी यामागुची को 21-17, 15-21, 21-10 से हराकर फाइनल में जगह पक्की की। यह पहला मौका है जब १९६२ में जब बैडमिंटन एशियन गेम्स से जुड़ा, भारत का कोइ खिलाड़ी फाइनल में पहुंचा है। इससे पहले भारत के खिलाड़ी कांस्य पदक से आगे नहीं बढ़े थे। सिंधु की जीत के बाद यह पहला मौका होगा जब एशियन गेम्स के इतिहास में भारत को स्वर्ण या रजत पदक हासिल होगा। यानी पीवी सिंधु भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में एक और नया अध्याय लिख चुकी हैं।
जहाँ तक मुकाबले की बात है पहले ही गेम से ही दोनों के बीच बराबरी की टक्कर देखने को मिली।
अपनी चिर प्रतिद्वंद्वी के खेल से परिचित सिंधु ने इसका फायदा उठाते हुए उनके खिलाफ स्कोर 8-8 से बराबर किया और इसके बाद 13-9 से बढ़त ले ली। सिंधु, जिसकी विश्व रैंकिंग तीन है, ने यामागुची पर इस बढ़त को बनाए रखा और अंत में पहला गेम 22 मिनट के भीतर 21-17 से अपने नाम कर लिया।
इसके बाद दूसरे गेम में भी दोनों में बराबरी का संघर्ष दिखा। हालांकि, अपने कद का फायदा उठाते हुए सिंधु बढ़त हासिल करने की कोशिश कर रही थी। यामागुची अपनी फुर्ति से सिंधु को उनके हर हमले का जवाब दे रही थी। सिंधु ने यामागुची की गलतियों का फायदा उठाया और उनके खिलाफ 10-6 की बढ़त हासिल कर ली। यहां जापान की खिलाड़ी ने वापसी की और सिंधु पर दबाव बनाते हुए 12-10 की बढ़त हासिल कर ली और 22 मिनट में सिंधु को 21-15 से हराकर दूसरे गेम जीतकर 1-1 से बराबरी कर ली। तीसरा गेम एकतरफा रहा जब सिंधु ने इसे २१-१० से जीत लिया।
इससे पहले भारत की साइना नेहवाल को सेमीफाइनल में विश्व नंबर-1 चीनी ताइपे की ताई जू यिंग से शिकस्त झेलनी पड़ी। हालांकि, 18वें एशियाई खेल में साइना ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफल रहीं। भारतीय शटलर जीबीके स्टेडियम में शीर्ष वरीय ताई जू यिं के हाथों सीधे सेटों में 17-21, 14-21 से पराजित हुईं।
साइना नेहवाल की चुनौती सेमीफाइनल मुकाबले में 36 मिनटों में समाप्त हुई। भारतीय शटलर ने पहले गेम में काफी अच्छा खेल दिखाया और ताई को कड़ी टक्कर भी दी। मगर वह अहम मौकों पर अंक गंवा बैठीं और पहले गेम में 17-21 से पीछे रह गईं। इसके बाद दूसरे गेम के हाफ टाइम तक मैच रोमांचक हुआ, जहां भारतीय शटलर 10-11 से पिछड़ रहीं थी। यहां से ताई ने साइना को सिर्फ तीन अंक हासिल करने दिए और मुकाबला 21-17 से अपने नाम किया।