देशभर में विरोध प्रदर्शन के बीच अब दिल्ली पुलिस ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) हिंसा से पहले हुई घटना के मामले में एफआईआर दर्ज की है। आरोपियों में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष समेत 19 के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। जेएनयू में घुसकर छात्रों और गल्र्स हॉस्टल में गुंडई करने वाले नकाबपोश बदमाशों की पहचान करने में आगे बढ़ी है। पुलिस का दावा है कि आरोपियों की पहचान के अहम सुराग मिले हैं।
पुलिस की दर्ज एफआईआर में छात्रसंघ अध्यक्ष पर 4 जनवरी को सर्वर रूम में तोडफ़ोड़ और सुरक्षा गार्ड पर हमला करने का आरोप लगाया गया है। पुलिस नकाबपोश बदमाशों की तलाश में छापेमारी कर रही है। एफआईआर में अन्य छात्रों का नाम शामिल नहीं किया गया है, लेकिन विस्तार में उनका नाम दर्ज किया गया है।
क्या है एफआईआर में
पुलिस की दर्ज एफआईआर में लिखा गया है, छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष और उसके 18 अन्य साथियों ने 4 जनवरी को दोपहर करीब 1 बजे महिला गार्ड के साथ धक्का-मुक्की और अन्य गार्ड के साथ गालीगलौच करने का आरोप है। शिकायत के मुताबिक, ये जबरन सर्वर रूम में घुसना चाह रहे थे, जिसका विरोध सुरक्षा गार्ड ने किया। आरोप है कि बाद में ये लोग पीछे का शीशा तोडक़र सर्वर रूम में घुसकर ऑप्टिक फाइबर केबल तोड़ दी और बायोमेट्रिक मशीन को भी निशाना बनाया। एफआईआर में आईशी घोष के अलावा साकेत मून, सतीश यादव, सारिका चौधरी, जी सुरेश, कृष जयसवाल, विवेक कुमार, गौतम शर्मा, वासकर वी, अपेक्षा प्रियदर्शी, श्रेया घोष, श्वेता कश्यप, संभावित सिद्धि, विवेक कुमार पांडे, राजू सिंह, मानस कुमार, चुनचुन यादव कामरान, डोलन और गीता कुमारी के नाम शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 341 और 506 के तहत सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया है।