जेएनयू में 6 दिसम्बर की रात जिस अंदाज में बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण की मांग उठी है। उसको लेकर जेएनयू की छात्र राजनीति से एक बात तो ऊभर कर आती है कि देर-सवेर ही सही लेकिन आने वाले दिनों में बाबबरी मस्जिद का मामला तूल पकड़ सकता है।
तहलका संवाददाता को जेएनयू के छात्रों ने बताया कि जानबूझ कर बाबरी मस्जिद के मामलों को नये सिरे से उठाने का प्रयास किया गया है। जेएनयू के छात्र पंकज का कहना है कि जेएनयू छात्र संघ के उपाध्यक्ष साकेत मून ने एक विरोध प्रदर्शन के दौरान बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण की मांग की है। जिसका वीडियो भी वायरल हुआ है।
बताते चलें, जेएनयू में जिस तरीके से 2019 में छात्र आंदोलन को लेकर सियासत हुई थी। उसी तरह फिर से जेएनयू के रास्ते पूरे देश में बाबरी मस्जिद मामलें को कहीं तूल तो नहीं दिया जा रहा है। छात्र पंकज और कुमार विक्रम का कहना है कि भले ही प्रशासन अभी इस मामलों को गंभीरता से न लें रहा है। अगर इस मामले में जेएनयू प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई नहीं की तो आने वाले दिनों में फिर से जेएनयू सियासी अखाड़ा बन सकता है। क्योंकि जो वीडियो वायरल हुआ है उसमें बाबरी मस्जिद के साथ-साथ अन्य संवेदनशील मुद्दो को हवा देने का प्रयास किया गया है। जो किसी मायने में सही नहीं ठहराये जा सकते है।
जेएनयू के टीचर ने बताया कि आने वाले दिनों में पांच राज्यों और दिल्ली नगर निगम के चुनाव होने है। जेएनयू के हाल ही वायरल वीडियो काफी हद तक चुनावी माहौल को गर्म कर सकता है। क्योंकि देश की राजनीति मौजूदा समय में धर्म और जाति पर आकर टिकती है।