भारत में आने वाले समय में कोयले का संकट दोबारा खड़ा होने का गंभीर खतरा बना हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि बिजली मंत्रालय की एक कमेटी ने इस तरह की आशंका जताई है। उसके मुताबिक देश में कोयले की यह स्थिति बिजली कटौती का गंभीर संकट उत्पन्न कर सकती है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक सितंबर में ख़त्म होने वाली तिमाही के दौरान भारत को कोयले की गंभीर कमी झेलनी पड़ सकती है। उस समय बिजली की मांग ज्यादा रहती है। मंत्रालय की कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक आशंका है कि जुलाई से सितंबर के बीच कोयले की आपूर्ति में 42.5 मिलियन टन की कमी आ सकती है जो हाल के संकट से 15 फीसदी ज्यादा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध का भी कोयले की आपूर्ति पर व्यापक असर पड़ा है। इस समय कोयले की वैश्विक कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच चुकी हैं। देश में ज्यादातर राज्यों ने कोयला आयात करने का अनुबंध अभी तक नहीं दिया है। जाहिर है कोयला आयात नहीं होता है तो जुलाई तक कई बिजली संयंत्र कोयले का गंभीर संकट झेलने की स्थिति में पहुँच जाएंगे।
केंद्र ने परिस्थिति को देखते हुए हाल में बिजली संयंत्रों पर कोयले का आयात बढ़ाने के लिए दबाव बढ़ाते हुए चेतावनी दी है कि यदि बिजली संयंत्र आयात कर अपने कोल इनवेंट्रीज नहीं बनाते हैं तो घरेलू रूप से खनन किए गए कोयले की आपूर्ति में कटौती करनी पड़ेगी।