राजधानी दिल्ली में इस हफ्ते होने जा रहे जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियां जोरों पर हैं। किंतु चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस समिट में नहीं शामिल होंगे, लेकिन उनकी जगह प्रधानमंत्री ली कियांग चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
भारत और चीन के अधिकारी समिट में जारी होने वाले साझा विज्ञप्ति पर बातचीत कर रहे हैं। चीन इसमें वन बेल्ट, वन रोड कॉन्सेप्ट और भारत वसुधैव कुटुम्बकम को शामिल करना चाहता हैं।
चीन ने भारत की थीम पर आपत्ति जताते हुए कहा कि, वसुधैव कुटुंबकम का अर्थ दुनिया एक परिवार होता है। जबकि भारत की थीम- एक पृथ्वी, एक परिवार- उस अर्थ को तो दर्शाता है लेकिन भारत की थीम में एक भविष्य भी जुड़ा हैं, जो वसुधैव कुटुंबकम का हिस्सा नहीं है।
बीजिंग के संस्कृत विशेषज्ञों ने वसुधैव कुटुंबकम को एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य का पर्याय नहीं है और इस वाक्यांश को विज्ञप्ति में शामिल करने पर आपत्ति जता रहे है।
चीन के संस्कृत विशेषज्ञों ने कहा कि, नर्इ दिल्ली संस्कृत शब्द वसुधैव कुटुंबकम का इस्तेमाल कर एक मिसाल कायम कर रही है, जो पहले किसी मेजबान देश ने नहीं किया है। जिन देशों ने जी-20 की अध्यक्षता की है, उन्होंने संयुक्त दस्तावेज में अपनी भाषा या संस्कृति के वाक्यांशों को कभी शामिल नहीं किया है।