एक ओर तो दिल्ली के अस्पतालों में मरीजों को बेहत्तर स्वास्थ्य सेवायें नहीं मिल पा रही है। कोरोना के मरीजों को आँक्सीजन किल्लत के साथ दवाओं की कमी से जूझना पड़ रहा है। वहीं यमुनापार के एम्स समझें जाने वाले जी टी बी अस्पताल में कुछ डाक्टरों द्वारा मरीजों के साथ अभद्र व्यवहार किये जाने की शिकायत, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन से की है। शिकायत कर्ता प्रदीप कुमार मूल रूप से गणेश नगर दिल्ली का रहने वाला है। उन्होंने बताया कि वे अपनी माँ का इलाज कराने पहुंचे तो वहां के डाक्टरों ने उनकी माँ, मालती और उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया है। उन्होंने कहा कि सीनियर डाँक्टर के पद पर है। बहस होने पर डाँक्टर ने धमकी दी है। कि उनकी सरकार में पकड़ है। उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है।
इसी तरह अन्य मरीजों ने तहलका संवाददाता को बताया कि सरकार भले ही तामाम दावें करें कि अस्पताल में मरीजों को कोई दिक्कत नहीं होने दी जायेगी। लेकिन अस्पताल के ही डाँक्टर मरीजों के साथ अभद्र व्यवहार कर मरीजों के मनोबल तोड़ रहे है। कोरोना काल में आज मरीजों को अपनी जान बचाने के लिये जान लगानी पड़ रही है। तब जाकरल मरीजों का आधा-अधूरा इलाज संभव हो पा रहा है। स्वास्थ्य जागरूकता कमेटी के विशाल कुमार ने बताया कि दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से फैल है। ऐसे में मरीजों को परेशान कर सरकार अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती है। सरकार और निजी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों का इलाज कराना किसी युद्ध जीतने से कम नहीं है।