जीडीपी और एनसीआरबी के जारी ताज़ा आंकड़ों से मोदी सरकार पर विपक्ष हमलावर है। एक ओर लॉकडाउन और अन्य वजहों के चलते जहां विकास दर ऐतिहासिक निचले स्तर पर जा चुकी है, वहीं, एनसीआरबी के आंकड़े बेरोज़गारी के हालात को बयां कर रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल 2019 में ही रिकॉर्ड किसानों-मजदूरों ने आत्महत्याएं की हैं, इसके अलावा पढ़े-लिखे लोग भी तंगी के चलते या नौकरी छूट जाने से फांसी के फंदे पे लटक रहे हैं। इन मामलों तेज़ी से बढ़ोत्तरी देखी गई है और अवसाद के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। अगले साल ये आंकड़े कहीं ज़्यादा भयावह हो सकते हैं।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट के जरिए मोदी सरकार पर हमला बोला है। राहुल ने बुधवार को देश में कोरोना के बढ़ते मामले, गिरती जीडीपी और चीन की घुसपैठ के मुद्दे पर ट्वीट कर पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि ‘भारत मोदी की बनाई हुई आपदाओं के बीच फंसा हुआ है।’ राहुल ने छह मुद्दे गिनाए- जो ये हैं।
●जीडीपी में -23.9 फीसदी की ऐतिहासिक गिरावट।
●45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी।
●12 करोड़ लोगों की नौकरियां गईं।
●केंद्र सरकार, राज्यों को उनका बकाया जीएसटी का भुगतान नहीं कर रही।
●कोरोना के हर रोज सबसे ज्यादा मामले और मौतें।
●सीमाओं पर बाहरी घुसपैठ।
इसके साथ ही कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, आम आदमी शायद जीडीपी का वित्तीय प्रभाव तो नहीं जानता, लेकिन यह जरूर समझता है कि नोटबंदी, गलत जीएसटी, देशबंदी के ‘डिजास्टर स्ट्रोक’ को भाजपा द्वारा ‘मास्टर स्ट्रोक’ बताना सफेद झूठ है। उन्होंने कहा कि छह साल से गिरती अर्थव्यवस्था का इल्जाम ‘भगवान’ पर लगाना अपराध है। इसी अंधेर को आदमी की कमर टूटना कहते हैं।
इससे पहले कांग्रेस नेता ने कहा था कि ‘भारतीय अर्थव्यवस्था 40 वर्षों में पहली बार भारी मंदी में है। असत्याग्रही इसका दोष ईश्वर को दे रहे हैं। खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के लिए नोटबंदी, गलत जीएसटी और लॉकडाउन जैसे निर्णय हैं।