कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के चुनाव प्रचार के दौरान जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स कहने और तीन राज्यों में भाजपा की हार का सबसे पहला असर जीएसटी में लोगों को राहत के रूप में सामने आया है। शनिवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में सरकार ने रोजाना ज़रुरत की ३३ वस्तुओं को अब १८ की जगह १२ और ५ फीसद के स्लैब में कर दिया है।
पुड्डुचेरी के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता वी नारायणसामी, जो जीएसटी काउंसिल के सदस्य हैं, ने बैठक के बाद इसकी जानकारी देते हुए बताया – ”हमने सरकार से सभी वस्तुओं को १८ और उससे नीचे के टैक्स स्लैब में लाने की मांग की थी। केवल ३४ वस्तुओं को छोड़कर बाकी सभी वस्तुएं १८ फीसद और उससे नीचे की स्लैब में लाई जाएंगी।
शाम को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी इसे लेकर प्रेस कांफ्रेंस की। जेटली ने ही इस बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि ज्यादातर राज्यों ने लक्ष्य हासिल किये हैं। कहा कि कई चीजों के रेट सस्ते करने पर सहमति बनी है। जेटली ने कहा कि छह चीजों पर जीएसटी २८ फीसदी से घटाकर १८ फीसदी कर दिया गया है।
इससे पहले नारायणसामी के मुताबिक सीमेंट बैग जो ३०० रुपए था अब २७७ रुपए (२३ रुपए सस्ता ), टायर ३००० रुपए की जगह २७६६ रुपए (२३४ रुपए कम), एसी २५,००० रुपए से २३,०४७ रुपए (१९५३ रुपए कम), टीवी, मॉनिटर २०,००० रुपए से १८,४३८ रुपए (१५६३ रुपए कम), डिजिटल कैमरा १०००० रुपए से ९२१९ रुपए (७८१ रुपए कम), कार ४ लाख रुपए से ३.६८ लाख रुपए (३१२५० रुपए कम), मोटर साइकिल ५०००० रुपए से ४६०९४ रुपए (३९०६ रुपए कम) हो गए हैं।
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने १८ दिसंबर को संकेत दिया था कि ९९ फीसदी वस्तुओं और सेवाओं को २८ फीसदी की ऊंची स्लैब से बाहर रखा जाएगा। उन्होंने कहा था कि अब सिर्फ एक फीसदी आइटम ही २८ फीसद जीएसटी के दायरे में रहेंगी और अन्य आइटम १८ या उससे कम जीएसटी दायरे में रहेंगी।
वित्तमंत्री ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में राज्यों के साथ कई मुद्दों पर चर्चा हुई है। जीएसटी टार्गेट पर कहा जिस टार्गेट की हम बात करते है, वह बड़ा कठोर है। विभिन्न राज्यों का डेटा देखा गया था, तो पता चला कि ज्यादातर राज्य बेहतर स्थिति में हैं।