दिल्ली में कपड़ा बाजार कोरोना के कहर से नहीं बल्कि, जीएसटी बढ़ाये जाने के विरोध में आज बंद रहेगें। ये जानकारी कपड़ा बाजार एसोसिएशन के प्रधान अशोक रंधावा ने दी। उन्होंने बताया कि पहले ही कपड़ा बाजार कमज़ोर था। अब सरकार ने कपड़ा पर जीएसटी 5 प्रतिशत से 12 प्रतिशत तक कर दी है। जिससे कपड़ा का होलसेल से लेकर रिटेल तक के कारोबार पर विपरीत असर पड़ेगा। उनका कहना है कि दिल्ली के साथ दिल्ली–एनसीआर के कपड़ा व्यापारी भी अपनी दुकानें बंद रखेगे।
लाजपत नगर कपड़ा व्यापारी आर के शर्मा ने बताया कि दिल्ली से पूरे देश में रेडीमेड और थोक का कपड़ा जाता है। व्यापारी पहले ही जीएसटी 5 प्रतिशत लगाये जाने से परेशान था। अब सरकार अपनी जेब भरने के लिये व्यापारियों को परेशान कर रही है। उन्होंने कहा कि 1 जनवरी 2022 से जीएसटी 5 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत तक बढ़ाकर लागू होगा। उन्होंने कहा कि अगर बढ़ाया गया जीएसटी को वापस नहीं लिया गया । तो कपड़ा व्यापारी अनिश्चित कालीन कपड़ा व्यापार को बंद करेगें।
कपड़ा व्यापारी घनश्याम दास गोयल ने बताया कि जब से केन्द्र सरकार ने ये घोषणा की कपड़ा पर जीएसटी 5 से बढ़ाकर 12 किया जायेगा। तभी से देश भर के व्यापारियों ने सरकार के समक्ष अपनी बातें रखी और सुझाव भी दिये कि अभी किसी प्रकार का कोई टैक्स आदि व्यापारियों पर न थोपा जाये। लेकिन सरकार अपनी मनमानी कर रही है। जिससे देश भर का कपड़ा व्यापारी रोष में है।
कपड़ा व्यापारी एसोसिएशन लक्ष्मी नगर के सचिव संतोष कुमार गुप्ता ने बताया कि पहले ही दो साल से देश भर के बाजार में कोरोना का कहर रहा है। काम धंधे बंद रहे है। व्यापारियों की आर्थिक हालत कमजोर हुई है। अब जीएसटी नामक टैक्स कपड़े के धंधे को चौपट कर देगा। इसलिये सरकार को बढ़ाये हुये जीएसटी को वापस लेना होगा।अन्यथा व्यापारियों को सड़को पर उतरने को मजबूर होना पड़ेगा।