दो महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए सोमवार को मतदान हुआ। हरियाणा के जींद में करीब ७३ प्रतिशत जबकि राजस्थान के रामगढ़ में करीब ७९ प्रतिशत वोट पड़े हैं। दोनों ही सीटें कांग्रेस और भाजपा के लिए बहुत अहम है। मतगणना ३१ जनवरी को होगी।
जींद सीट के उपचुनाव के लिए चौकोना मुकाबला दिखा रहा है। खट्टर सरकार ने जीत के लिए पूरी ताकत झौंकी है। पार्टी की तरफ से कृष्णा मिड्डा मैदान में हैं जिनके पिता दो बार इनेलो के टिकट पर जीतकर विधायक रह चुके हैं। उनकी मौत के बाद यहां उपचुनाव हो रहे हैं हालाँकि उनके पुत्र ने पाला बदल कर भाजपा टिकट पर खम ठोंका है।
दूसरी बड़ी शख्सियत कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला हैं जो इस उपचुनाव में पार्टी की इज्जत बचाने के लिए मैदान में हैं। वैसे वे पहले से ही जींद जिले के ही कैथल से विधायक हैं।
चुनाव में तीसरा कोण चौटाला बंधु हैं जिनके बीच कुछ महीने से जबरदस्त जंग चल रही है। यहां अजय चौटाला के छोटे बेटे दिग्विजय चौटाला जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) से मैदान में हैं जबकि चौटाला के दूसरे बेटे अभय चौटाला ने उमेद सिंह रेडू को इनलो टिकट दिया है। वैसे चौटाला के लिए भी यह नई सीट है क्योंकि उनका गृह जिला हिसार है। जींद में सुबह ईवीएम में खराबी के बाद मतदान में दिक्कत आई हालांकि बाद में इन्हें ठीक कर दिया गया।
उधर राजस्थान की रामगढ़ सीट पर भी सबकी निगाह है। रामगढ़ में बसपा ने नटवर सिंह के बेटे जगत सिंह को मैदान में उतारा है जो दल बदल के लिए जाने जाते रहे हैं। पहले वे कांग्रेस और भाजपा में भी रहे हैं। चुनाव से ऐन पहले यहाँ बसपा उम्मीदवार की मौत हो गयी थी जिसके लिए अब उपचुनाव हो रहा है। इसी इलाके में कुछ समय पहले गौरक्षकों ने एक व्यक्ति रकबर को पीट-पीट कर मार डाला था।
कांग्रेस ने इस सीट पर साफिया जुबेर खान को टिकट दिया है। पार्टी की कोशिश है वो हर हालत में जीत जाए ताकि उसकी सीटें १०० हो जाएँ। कांग्रेस का राजस्थान में अपने बूटी बहुमत नहीं है लिहाजा जीत उसके लिए बहुत अहम् है। उद्धत सत्ता से बाहर हुई भाजपा ने यहाँ से सुखवंत सिंह को मैदान में उतारा है।