अमेठी में केंद्रीय मंत्री और भाजपा प्रत्याशी स्मृति इरानी का लोगों को जूते बांटना अमेठी की जनता को पसंद नहीं आया है। अब इस मामले ने राजनीतिक मोड़ ले लिया है। जिन लोगों को स्मृति ईरानी ने जूते बांटे थे वे अब विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक स्मृति को सम्भवता उनके कार्यकर्ताओं से जानकारी मिली थी कि उनके संसदीय क्षेत्र के कुछ स्थानीय लोगों के पास ”पहनने के लिए जूते नहीं हैं” तो उन्होंने गांवों में जूते वितरित करवा दिए। दो दिन पहले जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अमेठी आईं तो उन्होंने इसे स्थानीय जनता का अपमान बताया। गांधी ने कहा था कि अमेठी के लोग भिखारी नहीं हैं।
हरिहरपुर गांव के लोगों ने मंगलवार को इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हाथ में जूते लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने हाथ में तख्तियां पकड़ रखी थीं, जिस पर लिखा था – ”स्मृति इरानी अपना पता दें, ताकि वे उन्हें जूते वापस भेज सकें।” प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे लोगों ने कहा कि हम भिखारी नहीं हैं, जो जूते रख लें। ”हमारी आमदनी भले ही अधिक नहीं है, लेकिन हम अपने दम पर जूते खरीद सकते हैं।”
लोगों का कहना है कि स्मृति ईरानी कभी उनके इलाके में आई ही नहीं तो उन्हें कैसे पता कि हमारे पास जूते नहीं। एक व्यक्ति ने कहा – ”हमने जूते वापस करने का फैसला किया है क्योंकि इरानी वोट के लिए इसे मुद्दा बना रही हैं। वह हर किसी से कहती फिर रही हैं कि उन्होंने हरिहरपुर के लोगों को २५ हज़ार रुपये कीमत के जूते दिए हैं। यह हमारी बेइज्जती जैसा है। क्या हम बिना जूतों के मर रहे थे? वह आज तक इस गांव में नहीं आई हैं, उन्हें कैसे पता हमारे पास जूते हैं या नहीं?’
उधर भाजपा इसके पीछे कांग्रेस का हाथ होने का आरोप लगा रही है। भाजपा नेताओं का कहना है – ”कांग्रेस स्मृति की लोकप्रियता से घबराई हुई है। वहीं यह प्रदर्शन करवा रही है।”