नागरिकता कानून के विरोध में देश भर में चल रहे प्रदर्शनों के बीच पश्चिम बंगाल में मंगलवार को दोबारा जाधवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को काले झंडे दिखाए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे धनखड़ को पदेन कुलपति नहीं चाहते हैं और उनका बहिष्कार करेंगे। बाद में राज्यपाल ने इस घटना पर ट्वीट कर अपनी नाराजगी जाहिर की है।
छात्रों ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ के काफिले को जाधवपुर यूनिवर्सिटी में रोक दिया। प्रदर्शनकारियों ने उन्हें काले झंडे दिखाए और उनके खिलाफ नारे लगाए। मौक़ा जाधवपुर यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह का था। सोमवार को भी छात्रों ने रोक लिया था। छात्र ”भाजपा कार्यकर्ता जगदीप धनखड़ वापस जाओ” जैसे नारे भी लगा रहे थे।
छात्रों ने जो पोस्टर पकड़ रखे थे उनपर भी राज्यपाल को लेकर टिप्पणियां की गयी थीं। एक पोस्टर में लिखा था – ”राजभवन नागपुर (आरएसएस मुख्यालय) बन गया है।” प्रदर्शनकारियों ने साफ़ तौर पर कहा कि वे धनखड़ को पदेन कुलपति नहीं चाहते हैं और उनका बहिष्कार करेंगे। प्रदर्शनकारियों में वामपंथी और टीएमसी से जुड़े कर्मचारी संघ ने धनखड़ को काफी देर तक कार से नहीं उतरने दिया। मुश्किल से सुरक्षाकर्मी उन्हें प्रशासनिक भवन में ले गए। वहां उनका रास्ता फिर से सारा बंगले शेखबंधु समिति-तृणमूल के एक गैर-शिक्षण कर्मचारी संघ ने रोक दिया।
बाद में इस घटना को लेकर मंगलवार सुबह राज्यपाल ने ट्वीट कर लिखा – ”दुर्भाग्य से विश्वविद्यालय में आयोजन स्थल तक जाने वाला रास्ता अवरुद्ध कर दिया गया है। स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। यहां बाधा डालने वालों की संख्या पचास के आसपास है। सिस्टम को बंधक बनाया जा रहा है। ऐसी स्थितियों में मीडिया को लोक कल्याण पर ध्यान देना चाहिए। यह भी ध्यान देना चाहिए कि छात्र हितों को खतरे में नहीं डाला जाए।”
धनखड़ ने ट्वीट में लिखा – ”जाधवपुर यूनिवर्सिटी में दर्दनाक परिदृश्य बना हुआ है। कुलपति जानबुझकर अपने दायित्वों से अनजान बने हुए हैं। वे बहाना तलाशने में लगे हैं। वह धवस्त हो चुके कानून व्यवस्था का नेतृत्व कर रहे हैं।”