पीएम मोदी और भाजपा के राष्ट्रवाद के जवाब में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मंगलवार को देशभक्ति की नई परिभाषा दी और कहा जनता की जागरूकता ही असली देशभक्ति है। करीब सात मिनट के अपने भाषण में मोदी के गढ़ गांधीनगर में बिना उनका नाम लिए प्रियंका ने कई सवाल उठाये और उनपर हमला किया।
प्रियंका ने कहा कि जनता को देश के असली मुद्दे समझने होंगे क्योंकि इन मुद्दों से उनका धयान हटाने की कोशिश हो रही है। कांग्रेस महासचिव बनने के बाद प्रियंका गांधी की यह पहली जनसभा थी जिसमें उन्होंने जनता से कहा – ”आपका वोट आपका हथियार है, आप सही मुद्दे चुनें और सोच-समझकर फैसला लें।”
भाषण की शुरुआत प्रियंका ने कुछ ऐसे की – ”मैं साबरमती गई, जहां से महात्मा गांधी ने देश की आजादी के लिए संघर्ष शुरू किया था। मेरे दिल में ऐसी भावना जागी कि लगा आंसू आने वाले हैं। देशभक्तों के लिए सोचा, जिन्होंने इस देश के लिए जान दी और सब त्याग दिया। उनके बलिदानों पर इस देश की नींव पड़ी है। यह देश प्रेम, सद्भावना और आपसी प्यार के आधार पर बना है।”
प्रियंका गांधी ने कहा कि जहां से गांधीजी ने प्रेम, अहिंसा और सद्भावना की आवाज उठाई थी, मैं सोचती हूं कि यहीं से आवाज उठनी चाहिए। ”जो आपकी फितरत की बात करते हैं, उन्हें बताइए कि आपकी फितरत क्या है। इस देश की फितरत है कि नफरत की हवाओं को प्रेम और करुणा में बदलेगी, जर्रे-जर्रे से सच्चाई को निकालेगी।”
कुछ भावुकता के साथ प्रियंका गांधी ने कहा – “आज जो कुछ देश में हो रहा है, उससे दुख होता है। इससे बड़ी कोई देशभक्ति नहीं है कि आप जागरुक बनें, आपकी जागरुकता एक हथियार है, आपका वोट एक हथियार है। ये ऐसा हथियार है, जिससे किसी को चोट, दुख और नुकसान नहीं पहुंचाना है। ये ऐसा हथियार है जो आपको मजबूत बनाएगा। ये चुनाव क्या है, आप क्या चुनने जा रहे हैं। आप अपना भविष्य चुनने जा रहे हैं।”
उन्होंने कहा फिजूल के मुद्दे नहीं उठने चाहियें। कहा कि मुद्दा वो होना चाहिए जो आपको आगे बढ़ाए। ”महिलाएं, युवाओं, किसानों के लिए क्या किया जाएगा। आपकी जागरूकता ही इन मुद्दों को आगे लाएगी। सोच-समझकर इस बार आप निर्णय लें।” प्रियंका ने कहा कि जो आपके सामने बड़ी-बड़ी बातें और वादे करते हैं, उनसे पूछिए कि जो दो करोड़ रोजगार का वचन दिया था, वो कहां है। जो १५ लाख खाते में आने थे, वो कहां गए। जिन महिलाओं की सुरक्षा की बात करते थे, उन महिलाओं से किसने पूछा इन पांच सालों में। सही सवाल करिए, तमाम मुद्दे उछाले जाएंगे, लेकिन आपकी जागरुकता ही देश को बनाएगी।”