उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जहरीली शराब से मरने वालों का आंकड़ा १०० के पार हो गया है और आशंका जताई जा रही है कि यह और ज्यादा हो सकता है। इस मामले में अब तक १७० से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है और करीब ३०० मामले दर्ज किया जा चुके हैं। कई अधिकारियों को भी निलंबित किया गया है।
यूपी के सहारनपुर में में सबसे ज्यादा ६५, कुशीनगर में नौ और उत्तराखंड के हरिद्वार और रुड़की में ३२ लोगों की मौत हो चुकी है। जहरीली शराब से दोनों राज्यों में इतनी बड़ी संख्या में मौत के बाद हड़कंप मच गया है। विपक्षी कांग्रेस और सपा ने इसे योगी सरकार की बड़ी नाकामी बताते हुए मुख्यमंत्री योगी से इस्तीफे की मांग की है।
इतने बड़े पैमाने पर मौतों के बाद कई परिवार बर्बाद हो गए हैं। इसके बाद भले योगी सरकार ने अवैध शराब का कारोबार करने वालों के खिलाफ अभियान चलाना शुरू किया है लेकिन लोग पूछ रहे हैं कि सरकार अभी तक क्या कर रही थी। यूपी के सहारनपुर, रायबरेली, जालौन, प्रतापगढ़, सिद्धार्थनगर, मऊ, ललितपुर, आगरा, सीतापुर, बिजनौर, वाराणसी, कौशांबी, झांसी और एटा आदि जिलों में अभियान चलाकर अब तक नौ हजार लीटर कच्ची शराब जब्त की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि सरकार यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या इस घटना के पीछे किसी तरह का षड्यंत्र है। उधर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसे भाजपा सरकारों की नाकामी बताया है। इस बीच सहारनपुर से आबकारी अधिकारियों ने ४०५ लीटर अवैध शराब जब्त की है। अब तक जानकारी में सामने आया है कि शराब को ज्यादा नशीली बनाने के लिए रैट पॉइजन (चूहेमार दवा) मिलाई जाती थी।
मेरठ के अस्पताल में भी सहारनपुर के कुछ लोगों को भर्ती किया गया है। इस घटना की एफआईआर तीन अलग-अलग थानों में दर्ज हुई है। अब तक ३० लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, इनमें से कुछ आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लागने की तैयारी भी चल रही है।
टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रभावित इलाकों के लोगों का कहना है कि वे पिछले लम्बे समय से अवैध शराब को लेकर शिकायतें कर रहे थे लेकिन कोइ कार्रवाई नहीं हुई।