बिहार के गोपालगंज में 2016 में हुए जहरीली शराब कांड के नौ दोषियों को अदालत ने सजा-ए-मौत सुनाई है। मामले में दोषी चार महिलाओं को ताउम्र जेल में काटनी होगी। 16 अगस्त, 2016 को कच्ची शराब पीने से 19 लोगों की मौत हुई थी। इनमें से 11 अभी जेल में हैं। फरार चल रहे 2 दोषियों की गिरफ्तारी के लिए नए सिरे से वारंट जारी किए गए हैं। पांच साल चली सुनवाई के बाद विशेष अदालत के न्यायाधीश लवकुश कुमार ने फैसला सुनाया।
गोपालगंज के खजूरबानी में वर्ष 2016 में जहरीली शराब पीने से कुल 21 लोगों की असमय मौत हो गई थी। इतना ही नहीं, कई लोगों के शरीर में घुले जहर से आंखों की रोशनी चली गई थी। थाने से महज 2 किलोमीटर दूर खजूरबानी में बड़े पैमाने पर देसी शराब बनाई जा रही थी। पुलिस पर इसकी जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। घटना के बाद थाने के सभी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया था।
ये हैं फांसी की सजा पाने वाले
खजूरबानी के छठू पासी, कन्हैया पासी, नगीना पासी, लाल बाबू पासी, राजेश पासी, सनोज पासी, संजय चैधरी, रंजय चैधरी तथा मुन्ना चैधरी। उम्रकैद की सजा पाने वाली चार महिलाओं के नाम लालझरी देवी, कैलासो देवी, रिता देवी और इंदू देवी हैं। सजा सुनाए जाने के बाद सभी दोषियों को जेल भेज दिया गया।