सर्वोच्च न्यायालय जम्मू कश्मीर में धारा 370 को निरस्त करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। यह सुनवाई अक्टूबर में हो सकती है। केंद्र के धारा 370 हटाने और जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के खिलाफ काफी याचिकाएं सर्वोच्च अदालत में लंबित हैं। इस मामले को पांच जजों की संविधान पीठ को भेजा गया था, लेकिन कोविड के चलते मार्च 2020 के बाद इनपर वर्चुअल सुनवाई हुई थी।
अब इस मामले से जुड़े एक वकील ने शुक्रवार प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित की पीठ के समक्ष धारा 370 मामले की जल्द सुनवाई की मांग की। वकील ने इसे महत्वपूर्ण मामला बताया जिसपर प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि वो जरूर मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेंगे और दशहरे की छुट्टियों के बाद इसपर सुनवाई करेंगे।
अगस्त 2019 में जब केंद्र सरकार ने एक क़ानून के जरिये जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाकर उसका विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म कर वहां दो केंद्र शासित प्रदेश बना दिए थे, तो उसके खिलाफ दायर याचिकाओं पर करीब चार महीने बाद दिसंबर 2019 में पांच न्यायाधीशों के पीठ के समक्ष अनुच्छेद 370 के मामलों की सुनवाई शुरू हुई थी।
इस मामले में प्रारंभिक मुद्दा उठा कि क्या 7 न्यायाधीशों की पीठ को मामले को भेजा जाना चाहिए क्योंकि पांच जजों के दो पीठों की राय में मतभेद था। इसके बाद 2 मार्च, 2020 के एक फैसले में, संविधान पीठ ने माना कि अनुच्छेद 370 के तहत जारी राष्ट्रपति के आदेशों को चुनौती देने के मामले को एक बड़ी पीठ को संदर्भित करने की कोई जरूरत नहीं है।
हालांकि, इन याचिकाओं पर 2 मार्च, 2020 के बाद से सुनवाई नहीं हो पाई और कोरोना के चलते अदालत में वर्चुअल सुनवाई शुरू हुई। अब कोर्ट इससे जुड़ी याचिकाओं को ठन्डे बस्ते से बाहर निकालने को राजी हो गया है। पांच जजों की संविधान पीठ के समक्ष याचिकाएं लंबित हैं। याचिकाओं में अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 (ए) को निरस्त करने को चुनौती दी गई है, जिसने 5 अगस्त, 2019 को राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म कर दिया गया था।