जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद ३७० को खत्म करने की सिफारिश का फैसला किया गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में इसका संकल्प पेश किया। धारा ३७० का खंड १ बचा रहेगा। इस घोषणा के बाद सदन में जोरदार शोर शुरू हो गया। जबरदस्त विरोध किया जा रहा है। सत्तापक्ष ने सदस्यों ने समर्थन किया।
उधर मंत्रिमंडल की ओर से पारित जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल सोमवार को राज्य सभा में लाया गया है।
इससे पहले रविवार-सोमवार की मध्य रात्रि जम्मू और कश्मीर में धारा १४४ लगा दी गई और अगले आदेश तक स्कूल-कॉलेज बंद रखने का आदेश दिया गया। घाटी के तीन बड़े नेताओं पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, एनसी के उमर अब्दुल्ला और सज्जाद लोन को नजरबंद कर दिया गया। दिल्ली में सुबह केबिनेट कमेटी की बैठक हुई उसके बाद केबिनेट की बैठक हुई है। उधर पीडीपी के नेता संसद पट्टी बाँध कर आये। कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने घटनाओं को देखते हुए स्थगन प्रस्ताव दिया। राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडु ने कहा कि चूँकि गृह मंत्री जेके से जुड़ा बिल ला रहे हैं लिहाजा उसके बाद चर्चा के दौरान इसपर बात हो सकती है। आज़ाद ने तीन मुख्यमंत्रियों को हाउस अरेस्ट करने का मसला उठाया। पहले इसपर चर्चा की मांग की। पीडीपी ने भी विरोध किया। शाह ने कहा जवाब देने को तैयार हैं।
उधर किसी भी आशंका के चलते सभी राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इससे पहले पीएम आवास पर मोदी-शाह और एनएसए डोभाल के बीच एक अलग से बैठक भी हुई। गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के अलावा कैबिनेट के सभी मंत्री पीएम आवास पर पहुंचे। सॉलिसिटर जनरल भी आये।
जम्मू-कश्मीर में एक ही रात में हालात काफी बदल गए। कश्मीर घाटी में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती के बीच जम्मू और श्रीनगर में धारा १४४ लगा दी गई साथ ही सुरक्षा कारणों को देखते हुए जम्मू में भी चार हजार जवानों को तैनात किया गया। सोमवार सुबह छह बजे से धारा १४४ लागू हो गई है। जम्मू, श्रीनगर, कठुआ, किश्तवाड़, कुपवाड़ा और पुंछ में स्कूल-कॉलेज बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। मोबाइल इंटरनेट सेवा को भी बंद कर दिया गया है।
उधर श्रीनगर जिला प्रशासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि शहर में धारा १४४ अगले आदेश तक लागू रहेगी। सभी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। आम लोगों का किसी प्रकार का मूवमेंट नहीं होगा। रैली या सार्वजनिक बैठक पर प्रतिबंध रहेगा। देर रात को जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती, पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला और सज्जाद लोन को नजरबंद कर दिया गया। दोनों ही नेताओं ने रात को ट्वीट कर खुद इसकी जानकारी दी, दोनों ही नेता लगातार ट्वीट कर अपील कर रहे थे कि सरकार को साफ करना चाहिए कि कश्मीर में क्या हो रहा है। नेताओं को नजरबंद करने को लेकर राजनीतिक दलों ने इसका विरोध भी किया है।