जम्मू कश्मीर में धारा 370 निरस्त होने के बाद पहली बार किसी चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। पहले चरण का मतदान 43 सीटों के लिए 2 बजे पूरा हो गया है। अभी यह पता नहीं है कि कितने फीसदी वोट पड़े हैं। इन चुनावों में पहली बार केंद्र शासित राज्य बनने के बाद आज वहां जिला पाकिस्तानी रेफ्यूजी भी वोट के अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं। अभी तक की ख़बरों के मुताबिक मतदान शांतिपूर्ण रहा है।
पहले चरण की वोटिंग कुछ देर पहले 2 बजे ख़त्म हो गयी। इन 7 घंटों में जिला विकास परिषद (डीडीसी) की 43 सीटों के लिए 296 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला मतदाता करेंगे। इनमें 25 सीटें कश्मीर और 18 जम्मू में हैं। पंच और सरपंच के उपचुनाव के लिए कुल 1179 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें 899 पंच और 280 प्रत्याशी सरपंच पद के लिए अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
यही नहीं 16 वॉर्ड के चुनाव भी होंगे। इनमें श्रीनगर के 2 वॉर्ड के लिए 21 और पहलगाम के 9 वॉर्ड के लिए 31 प्रत्याशी मैदान में हैं। अनंतनाग जिले के 5 वॉर्ड चुनाव के लिए 10 प्रत्याशियों ने नामांकन किया है। राज्य चुनाव आयोग ने पहले चरण की वोटिंग के लिए 2644 पोलिंग बूथ बनाए हैं। यहां 7 लाख 3 हजार 620 वोटर्स वोट करेंगे।
नवंबर-दिसंबर 2018 में पंचायती चुनाव हुआ था। इनमें 33 हजार 592 पंच सीटों पर 22 हजार 214 प्रत्याशी और 4,290 सरपंच पदों पर 3,459 प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। बाकी सीटें खाली रह गई थी, जहां अब उप चुनाव हो रहे हैं।
इस चुनाव में पहली बार करीब एक लाख पाकिस्तानी रिफ्यूजी भी वोट का इस्तेमाल करेंगे। डीडीसी, पंच और सरपंच चुनावों में पहली बार पश्चिमी पाकिस्तान के रिफ्यूजी को भी वोट करने का अधिकार दिया गया है। सात दशक में पहली बार ऐसा है कि जब ये रिफ्यूजी राज्य में पंचायत स्तरीय चुनाव में वोटिंग कर पाएंगे।
जम्मू और कश्मीर में पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थियों के 22 हजार से अधिक परिवार हैं। इनमें करीब एक लाख को वोट का अधिकार है। धारा 370 लागू रहने तक ये रिफ्यूजी केवल लोकसभा चुनाव में ही वोट कर पाते थे। इन्हें विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनाव और पंचायती चुनाव में वोट डालने का अधिकार नहीं था।
यह पहली बार है जब जम्मू कश्मीर में राज्य की 6 प्रमुख पार्टियां एकसाथ मिलकर चुनावी मैदान में हैं। इन पार्टियों ने मिलकर गुपकार समूह बनाया है। इनमें फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस, महबूबा मुफ्ती की अगुआई वाली पीडीपी के अलावा सज्जाद गनी लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट और माकपा की स्थानीय इकाई शामिल है। इनके सामने भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी मैदान में हैं। कश्मीर घाटी में गुपकार समूह कश्मीर में मजबूत है, जबकि भाजपा की स्थिति जम्मू में काफी मजबूत है जबकि कांग्रेस की भी यहाँ अच्छी पैठ रही है।
पहला चरण आज है जबकि दूसरा पहली दिसंबर, तीसरा 4 , चौथा 7, पांचवां 10, छठा 13, सातवां 16 और आठवां चरण का मतदान 19 दिसंबर को होगा जिसके बाद चुनाव नतीजे घोषित किये जाएंगे।