जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटने और केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में हो रहे पहले चुनाव में राज्य के सभी दलों ने शामिल होने का फैसला लिया है। यह घाटी के लिए बहुत बड़ा बदलाव है। खास बात यह है कि अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए बने गुपकार गठबंधन में शामिल नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी एवं पीपुल्स कांफ्रेंस पहली बार मिलकर चुनावी मुकाबले में शिरकत करेंगी।
घाटी के दिग्गज नेताओं की रिहाई के बाद जम्मू में शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला के बठिंडी स्थित निवास पर हुई बैठक के बाद गुपकार गठबंधन ने प्रदेश में पहली बार हो रहे जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव एक साथ लड़ने का फैसला किया। गुपकार गठबंधन के अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला संयुक्त प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करेंगे।
उधर, कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह डीडीसी चुनाव में उतरेगी। प्रचार के लिए भाजपा के केंद्रीय नेताओं ने भी जम्मू-कश्मीर का रुख करना शुरू कर दिया है। ऐसे में पार्टी चिह्न पर हो रहे डीडीसी चुनाव के दिलचस्प होने के आसार हैं।
बता दें कि केंद्र शासित प्रदेश में डीडीसी की 280 सीटों और पंचायत व स्थानीय निकाय उपचुनाव 1 से 24 दिसंबर के बीच आठ चरणों में होंगे। 2018 में पंचायत चुनाव का नेकां व पीडीपी ने बहिष्कार किया था।